अहमदाबाद और हैदराबाद में कोरोना वैक्सीन प्लांट का दौरान करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुणे में कोवीशील्ड बनाने वाले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) पहुंचे हैं। इससे पहले, उन्होंने अहमदाबाद और हैदराबाद में अलग-अलग कंपनियों के वैक्सीन प्लांट का दौरा किया था।
मोदी ने हैदराबाद में स्वदेशी वैक्सीन ‘कोवैक्सिन’ बना रही कंपनी भारत बायोटेक के वैज्ञानिकों को ट्रायल की कामयाबी के लिए बधाई दी। मोदी ने कहा- उनकी टीम ICMR के साथ मिलकर काम कर रही है, ताकि इसकी प्रोसेस में तेजी आ सके।इससे पहले सुबह करीब 10 बजे PM मोदी अहमदाबाद में जायडस बायोटेक पार्क गए थे। यहां करीब एक घंटा रुके और वैज्ञानिकों से वैक्सीन के बारे में जानकारी ली।
पीपीई किट पहनकर उन्होंने रिसर्च सेंटर में वैक्सीन की डेवलपमेंट प्रोसेस देखी। PM ने कंपनी के प्रमोटर्स और एक्जीक्यूटिव से भी बात की। इसके बाद वह एयरपोर्ट के लिए निकल गए।24 नवंबर को 9 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि अभी यह तय नहीं है कि कोरोना वैक्सीन की एक डोज देनी होगी या दो। उसकी कीमत क्या होगी, यह भी तय नहीं है। अभी ऐसे किसी भी सवाल का जवाब हमारे पास नहीं हैं। माना जा रहा है कि इस विजिट के बाद इन सवालों के जवाब सामने आ जाएंगे।
पहला डेस्टिनेशन : अहमदाबाद
वैक्सीन का नाम: जायकोव-डी
फॉर्मूला: जायडस बायोटेक
बनाने वाली कंपनी: जायडस बायोटेक
प्लांट: चांगोदर इंडस्ट्रियल एरिया, गुजरात
स्टेटस: फेज-3 के ट्रायल्स शुरू
यहां जायडस बायोटेक अपनी वैक्सीन जायकोव-डी डेवलप कर रही है। इस वैक्सीन के फेज-3 ट्रायल्स शुरू हो चुके हैं। गुजरात बेस्ड जायडस बायोटेक की यह वैक्सीन पूरी तरह स्वदेशी है।
दूसरा डेस्टिनेशन : हैदराबाद
वैक्सीन का नाम: कोवैक्सिन
फॉर्मूला: भारत बायोटेक और ICMR
बनाने वाली कंपनी: भारत बायोटेक
प्लांट: हैदराबाद
स्टेटस: ट्रायल तीसरे फेज में, जनवरी तक नतीजे आने की उम्मीद
भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ कोवैक्सिन बनाने के लिए हाथ मिलाया है। इसके फेज-III ट्रायल्स शुरू हो चुके हैं।
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज अंबाला कैंट के एक हॉस्पिटल में इस वैक्सीन का डोज लगवा चुके हैं। लार्ज-स्केल ट्रायल्स में अगर वैक्सीन इफेक्टिव साबित हुई तो अगले साल की शुरुआत में कंपनी इसके रेगुलेटरी अप्रूवल के लिए आवेदन करेगी।
तीसरा डेस्टिनेशन : पुणे
वैक्सीन का नाम: कोवीशील्ड
फॉर्मूला: ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी/ ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका
बनाने वाली कंपनी: सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया
प्लांट: पुणे (महाराष्ट्र)
स्टेटस: ट्रायल आखिरी दौर में
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोरोना वैक्सीन कोवीशील्ड के प्रोडक्शन के लिए ब्रिटेन की कंपनी एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ साझेदारी की है। SII दुनिया में सबसे ज्यादा वैक्सीन बनाती है। एक्सपर्ट्स और सरकारी अधिकारियों का मानना है कि भारत में सबसे पहले यही वैक्सीन मिलेगी।
कोवीशील्ड के अंतिम फेज के ट्रायल्स दो तरह से किए गए हैं। पहले में 62% असरदार दिखी, जबकि दूसरे में 90% से ज्यादा। औसत देखें तो इफेक्टिवनेस 70% के आसपास रही है।
SII के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुरेश जाधव ने हाल में दावा किया था कि हमने वैक्सीन बनाना शुरू कर दिया है। जनवरी से हम हर महीने 5-6 करोड़ वैक्सीन बनाने लगेंगे। जनवरी तक हमारे पास 8 से 10 करोड़ डोज का स्टॉक तैयार होगा। सरकार से अनुमति मिलने पर हम सप्लाई शुरू कर देंगे।
#WATCH Prime Minister Narendra Modi visits Zydus Biotech Park in Ahmedabad, reviews the development of #COVID19 vaccine candidate ZyCOV-D pic.twitter.com/vEhtNMf1YE
— ANI (@ANI) November 28, 2020