जब से दुनियाभर में कोविड-19 महामारी फैली है, तब से टूरिज़्म एक ऐसी इंडस्ट्री है, जिसे सबसे ज़्यादा नुकसान पहुंचा है। कोरोना वायरस की वजह से दुनिया के लगभग सभी देशों में लॉकडाउन की स्थिति थी, जिसकी वजह से देश से बाहर ट्रेवल करने पर पाबंदी लग गई थी। वहीं, पिछले साल अगस्त में धारा 370 के निरस्त होने के बाद से कश्मीर में पर्यटकों की संख्या बेहद कम हो गई थी।
हालांकि, अब एक अच्छी खबर ये है कि यात्री एक बार फिर कश्मीर घाटी का रुख कर रहे हैं। घाटी में इस वक्त बर्फबारी का मौसम है और देशभर से सैलानी खूबसूरत नज़ारों का लुफ्त उठाने के लिए कशमीर आ रहे हैं।
खबरों के मुताबिक, गुलमर्ग पूरी तरह से बर्फ से ढक गया है और अगले कुछ दिनों में कश्मीर की निचले और ऊंचे जगहों पर भी बर्फबारी की आशंका है। 15 नवंबर को 500 से ज़्यादा सैलानी श्रीनगर हवाई अड्डे पर पहुंचे, जो पिछले 7 महीनों में यात्रियों की सबसे ज़्यादा संख्या है।
ये संख्या भले ही, दूसरे किसी भी पर्यटन स्थल की तुलना में बेहद कम है, लेकिन टूरिज़्म इंडस्ट्री जिस नुकसान से गुज़री है, ये कम संख्या भी निश्चित रूप से एक आशा की किरण है।
नवंबर में आए अधिकांश यात्री महानगरीय शहरों से हैं, जिसमें मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और बेंगलुरु शामिल हैं। अधिकारी और स्थानीय टूर ऑपरेटर यात्री के आने को सकारात्मक और इस क्षेत्र में पर्यटन को पुनर्जीवित करने का एक छोटे कदम के रूप में देख रहे हैं।
कश्मीर में सैलानियों का संख्या और बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि हाल ही में मौसम विभाग ने भी आने वाले महीनों में और अधिक बर्फबारी की भविष्यवाणी की है। यह भी बताया गया है कि गुलमर्ग, पहलगाम और श्रीनगर में स्नो कार्निवल और अन्य प्रचार गतिविधियों जैसे कार्यक्रमों से भी पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
इस वक्त कश्मीर में पूरे भारत से यात्री इसलिए भी आ रहे हैं, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय यात्राएं इस वक्त बंद हैं।