दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के रण में अब हिमाचल प्रदेश के किसान भी उतर गए हैं। ऐसे में पंजाब हरियाणा के किसानों को अपने आंदोलन के लिए हिमाचल प्रदेश किसान सभा का समर्थन भी मिल गया है। राजस्थान और उत्तर प्रदेश के किसान पहले ही उनके साथ हैं। इसका मतलब ये हैं कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानून के विरोध अब देशभर से होना शुरू हो गया है।
मंगलवार को हिमाचल प्रदेश किसान सभा ने भी इस प्रदर्शन का समर्थन करने का ऐलान कर दिया और आंदोलन में शामिल होने के लिए किसान दिल्ली कूच कर चुके हैं। बता दें कि मंगलवार को प्रदेश के हर जिला मुख्यालय में सीटू के बैनर तले किसान सभा ने विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि अगर सरकार किसानों के साथ बात नहीं करती है तो यह आंदोलन और बड़ा रूप धारण करेगा।
सीटू के कुल्लू जिला महासचिव राजेश ठाकुर ने कहा कि कृषि कानूनों से किसानों को किसी भी तरह का फायदा नहीं होने वाला है, उल्टा नुकसान ही होगा। मंडियां खत्म की जा रही हैं और किसानों के उत्पाद को खरीदने का अधिकार कंपनियों को दिया जाएगा। इससे कंपनियों की मनमानी से किसानों को उनके उत्पाद के अच्छे दाम नहीं मिलेंगे। लिहाजा सरकार का यह बिल किसानों के हित में नहीं है।