केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे बड़ी संख्या में पंजाब, हरियाणा के किसानों ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। किसानों ने कहा है कि सरकार नए कानूनों को रद्द करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाए। किसान नेताओं का कहना है कि अगर कृषि कानूनों से जुड़ी उनकी समस्याओं का हल नहीं होता है तो फिर वे और कदम उठाएंगे।
प्रदर्शन कर रहे किसानों के नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगर सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी तो हम दिल्ली की और सड़कों को ब्लॉक करेंगे। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, ”अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानेगी तो हम और कदम उठाएंगे।” वहीं, किसान नेता दर्शन पाल ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा, ”केंद्र को नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद का विशेष सत्र आहूत करना चाहिए।”
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेता दर्शन पाल ने आरोप लगाया कि केंद्र किसान संगठनों में फूट डालने का काम कर रहा है, लेकिन ऐसा नहीं हो पाएगा। इससे पहले, करीब 32 किसान संगठनों के नेताओं ने सिंघू बॉर्डर पर बैठक की जिसमें भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी शामिल हुए।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को एक बार फिर से कहा है कि केंद्र सरकार किसानों की चिंताओं को दूर करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कृषि कानूनों को किसानों के हितों में बताते हुए कहा कि इन्हें लंबे इंतजार के बाद लागू किया गया है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ”मैं किसानों से अपील करता हूं कि कानून उनके हित में हैं और सभी सुधारों को लंबे वक्त के बाद लागू किया गया है। लेकिन, यदि उन्हें कुछ भी समस्या है, तो फिर सरकार उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए तैयार है।” उन्होंने आगे कहा कि सरकार किसान नेताओं के साथ एक बार फिर से कल (गुरुवार) को बातचीत करेगी। देखते हैं कि किस हद तक मुद्दे सुलझते हैं।
प्रदर्शन कर रहे किसानों की दिल्ली से लगी सीमाओं पर बढ़ती संख्या को देख बुधवार को पुलिस ने सुरक्षा और कड़ी कर दी। दिल्ली के उत्तर प्रदेश से लगने वाले गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन तेज हो गया है, जिससे राज्य को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने वाला एक प्रमुख मार्ग बंद है। यातायात पुलिस ने ट्वीट किया, ”गौतम बुद्ध नगर के पास किसानों के प्रदर्शन के कारण ‘नोएडा लिंक रोड पर चिल्ला बॉर्डर बंद है। लोगों को नोएडा जाने के लिए ‘नोएडा लिंक रोड की बजाय एनएच-24 और डीएनडी का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया जाता है। फिरोजाबाद, मेरठ, नोएडा और एटा से लगातार आ रहे किसानों के कारण अधिकारियों को लगातार दूसरे दिन चिल्ला बॉर्डर बंद रखना पड़ा है।”
We also held talks with Tikait Ji (of Bharatiya Kisan Union), he told us that he is with us. We are together in this struggle: Darshan Pal, President of Krantikari Kisan Union https://t.co/jjQq0YzoQ2 pic.twitter.com/3mHxzoUWuA
— ANI (@ANI) December 2, 2020