कोरोनावायरस से जंग के खिलाफ यूनाइटेड किंगडम (UK) ने ऐतिहासिक ऐलान किया है. UK Pfizer-BioNTech की COVID-19 वैक्सीन को मंज़ूरी देने वाला पहला देश बन गया है. ब्रिटेन में अगले हफ्ते से वैक्सीन आम लोगों के लिए उपलब्ध होगी. भारत समेत करीब 180 देशों में कोरोना की वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार हो रहा है, लेकिन यह भी सच है कि भारत में हर किसी को कोरोना की वैक्सीन नहीं दी जाएगी.
दरअसल केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को कहा, ‘कोरोना वैक्सीन सबके लिए नहीं है.’ राजेश भूषण से सवाल किया गया कि पूरे देश का वैक्सीनेशन कब तक होगा, इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘पूरे देश के टीकाकरण की बात सरकार ने कभी नहीं कही, मैं ये बिल्कुल साफ कर देना चाहता हूं. मैं बार-बार ये कहता हूं कि जो साइंस से संबंधित विषय होते हैं, अच्छा होता उस पर चर्चा करने से पहले उसके बारे में जो तथ्यात्मक जानकारी है, उसको पता कर लें और तब विश्लेषण करें. पूरे देश के टीकाकरण की बात कभी नहीं कही गई.’
भारत में ऑक्सफोर्ड कोरोना वैक्सीन के निर्माण और ट्रायल में साझेदारी कर रहे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से कराए गए ट्रायल में चेन्नई के एक वॉलंटियर में गंभीर प्रतिकूल प्रभाव दिखे थे, जिसके बाद पीड़ित ने SII से 5 करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा था. अब SII ने उल्टा उसपर 100 करोड़ का मानहानि का मुकदमा कर दिया है.
ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के ट्रायल के तहत उनके पति के स्वास्थ्य पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़े हैं. वह 100 करोड़ का मुकदमा झेल रहे हैं और अपने प्रोफेशन के तहत मिले एक अमेरिकी प्रोजेक्ट से भी हाथ धो बैठे हैं. यहां तक कि उन्हें एक आसान सा ऑनलाइन पेमेंट करने में भी दिक्कत आ रही है. SII ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि वॉलंटियर की तबियत वैक्सीन के चलते खराब नहीं हुई है. कंपनी ने बयान में कहा, ‘चेन्नई के वॉलंटियर के साथ हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन ये वैक्सीन की वजह से नहीं हुई है.’