कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ राजधानी की सड़कों पर डटे किसानों और सरकार के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही। लंबी बातचीत और मंथन के बाद तय सिर्फ यह हो सका कि अगले दौर की बातचीत 9 दिसंबर को होगी। हालांकि, बैठक के बाद कृषि मंत्री ने कहा है कि सरकार एमएसपी पर शंका दूर करने को राजी है। माना जा रहा है कि सरकार कानून में यह प्रावधान जोड़ सकती है कि किसानों के उत्पादों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे नहीं खरीदा जा सकेगा। हालांकि, किसान नेता अभी भी तीनों कानूनों को वापस लेने पर अड़े हैं।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ”हमने कहा कि एमएसपी जारी रहेगा, इसे कोई खतरा नहीं है। इस पर शंका करना आधारहीन है। अभी भी यदि कोई शंकाग्रस्त है तो सरकार इसके समाधान को तैयार है।” कृषि मंत्री ने आगे कहा, ”हम राज्यों में मंडियों को प्रभावित नहीं करना चाहते हैं। सरकार एपीएमसी को मजबूत करने के लिए कुछ भी करने को तैयार है। यदि किसी को एपीएमसी को लेकर कोई भ्रम है तो सरकार इसे स्पष्ट करने को तैयार है।”
कोविड और ठंड को देखते हुए प्रदर्शन में शामिल बच्चों और बुजुर्गों को घर भेजने की अपील करते हुए कृषि मंत्री ने कहा, ”हमने किसानों से कहा है कि सरकार सभी मुद्दों पर विचार को तैयार है। यदि हमें किसान नेताओं से सुझाव मिलते हैं तो समाधान खोजना आसान होगा। मैं यूनियनों के कार्यक्रम पर कमेंट नहीं करना चाहता, लेकिन किसानों और उनके संगठनों से अपील करूंगा कि आंदोलन का रास्ता छोड़ दें और चर्चा के रास्ते पर आएं। सरकार ने कई दौर की बातचीत की है और आगे चर्चा और समाधान के लिए तैयार है।”
कृषि मंत्री ने कहा, ”मैं किसानों को विश्वास देना चाहता हूं कि मोदी सरकार आपके लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और भविष्य में भी रहेगी। पीएम मोदी के नेृतृत्व में कई कृषि कानूनों को लागू किया गया है। बजट और एमएसपी भी बढ़ाया गया है।”
ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा, ”हमने बैठक की शुरुआत में कहा कि हमारी मांग कानूनों को वापस लेने की है। हम इसमें संशोधन नहीं चाहते हैं। हमारा स्टैंड मजबूत है। आखिर में हमें बताया गया कि अगली बैठक 9 दिसंबर को होगी। हमें लगता है कि सरकार निश्चित तौर पर कानून वापस लेगी।”