कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए जिला प्रशासन ऊना की टेली काउंसलिंग हेल्पलाइन वरदान सिद्ध हो रही है। हेल्पलाइन के माध्यम से जहां प्रशासन को मरीजों से फीडबैक मिल रही है, वहीं वह अपनी परेशानियां भी साझा कर रहे हैं।
गगरेट उप मंडल में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां पर एक ही परिवार के पांच सदस्य कोरोना संक्रमित पाए गए थे तथा कंटेनमेंट जोन बनने की वजह से वह अपने लिए राशन भी ला पा रहे थे। परिवार में 4 पुरुष तथा एक महिला सदस्य शामिल हैं। जब टेली काउंसलिंग हेल्पलाइन के माध्यम से परिवार के साथ बात की गई, तो उन्होंने अपनी परेशानी बताई। इस पर उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने एसडीएम गगरेट को तुरंत परिवार की मदद के निर्देश दिए तथा उन्हें उनके घर पर राशन व अन्य आवश्यक वस्तुएं प्रदान की गई।
इस संबंध में जिलाधीश ऊना राघव शर्मा ने बताया कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कार्यालय में तैनात एक टीम प्रातः साढ़े नौ बजे से शाम सात बजे तक होम आइसोलेशन में रहकर स्वास्थ्य लाभ ले रहे कोरोना संक्रमित मरीजों को कॉल कर उनसे कुछ प्रश्नों को उत्तर पूछती है। स्वास्थ्य विभाग प्रत्येक मंगलवार तथा शुक्रवार को डीडीएमए को लिस्ट प्रदान करता है, जिसके बाद कॉलिंग की जाती है। जिला प्रशासन कोरोना संक्रमितों की हर संभव मदद का प्रयास कर रहा है।
उन्होंने कहा कि हेल्पलाइन के माध्यम से जहां कोविड संक्रमित मरीजों से फीडबैक ली जाती है, वहीं उनसे यह भी जानने का प्रयास किया जाता है कि क्या आशा वर्कर ने उनसे घर आकर बात की है या नहीं। क्या उन्हें होम आइसोलेशन से संबंधित बुकलैट प्राप्त हुई है या नहीं। क्या उनके पास घर पर ऑक्सीमीटर है या नहीं। इसके अलावा मरीजों से अन्य बीमारियों तथा अन्य परेशानियों के संबंध में जानकारी प्राप्त की जा रही है। राघव शर्मा ने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को अक्तूबर के अंत से कॉल करने की प्रक्रिया शुरू की गई है, ताकि उनसे सुविधाओं व परेशानियों के संबंध में फीडबैक लिया जा सके। जिला प्रशासन सिर्फ कॉलिंग हीं नहीं कर रहा, बल्कि कोरोना संक्रमितों तथा उनके परिवारों की हर संभव मदद का प्रयास भी कर रहा है। डीसी ने कहा कि मदद के लिए टोल फ्री नंबर 1077 पर चौबीसों घंटे कॉल की जा सकती है।