Home राष्ट्रीय आज से 15 जनवरी तक खरीदें सस्ता सोना, एक ग्राम की कीमत...

आज से 15 जनवरी तक खरीदें सस्ता सोना, एक ग्राम की कीमत 5104 रुपये….

10
0
SHARE

एक बार फिर सोने में निवेश का मौका मिल रहा है. दरअसल, अगर आप सोने में निवेश की सोच रहे हैं, लेकिन ज्वेलरी नहीं खरीदना चाहते हैं तो केंद्र सरकार की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश का सुनहरा मौका है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम एक बार फिर 11 जनवरी से शुरू हो गई है. इसकी कीमत 5104 रुपये प्रति ग्राम तय की गई है.

दरअसल वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की यह 10वीं सब्सक्रिप्शन सीरीज है. इस बार 15 जनवरी तक इस योजना में निवेश कर सकते हैं. इस योजना को ऑपरेट रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा किया जाता है. नौवीं सीरीज में सोने की इश्यू प्राइस 5000 रुपये प्रति ग्राम तय की गई थी.

रिजर्व बैंक की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इस बार बॉन्ड की कीमत 5104 रुपये प्रति ग्राम तय की गई है. हालांकि, हर बार की तरह इस बार भी ऑनलाइन आवेदन करने वाले निवेशकों को बॉन्ड की तय कीमत पर प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट दी जाएगी. यानी डिजिटल भुगतान करने पर एक ग्राम सोने के लिए 5054 रुपये पेमेंट करना होगा.

इस सरकारी गोल्‍ड बॉन्ड की कीमत बाजार में चल रहे सोने के रेट से कम होती है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना में गोल्‍ड की कीमत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से तय की जाती है. बॉन्ड के तौर पर आप सोने में न्यूनतम एक ग्राम और अधिकतम चार किलो तक निवेश कर सकते हैं. इस पर टैक्‍स छूट भी मिलती है. इसके अलावा स्‍कीम के जरिए बैंक से लोन भी लिया जा सकता है.

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के फायदे
बॉन्‍ड पर सालाना कम से कम ढाई फीसदी का रिटर्न मिलेगा. गोल्ड बॉन्ड में किसी तरह की धोखाधड़ी और अशुद्धता की संभावना नहीं होती है. ये बॉन्ड्स 8 साल के बाद मैच्योर होंगे. मतलब साफ है कि 8 साल के बाद भुनाकर इससे पैसा निकाला जा सकता है. यहीं नहीं, पांच साल के बाद इससे बाहर निकलने का विकल्प भी होता है.

कितना खरीद सकते हैं सोना
आरबीआई भारत सरकार की तरफ से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करता है. इस बॉन्ड में निवेश एक ग्राम के गुणकों में किया जाता है, जिसकी अधिकतम सीमा एक व्यक्ति के लिए एक साल में 500 ग्राम है. वहीं हिन्दू संयुक्त परिवार एक साल के दौरान अधिकतम 4 किलोग्राम सोने की कीमत के बराबर तक का बॉन्ड खरीद सकते हैं. ट्रस्ट और वित्तीय वर्ष के समान इकाइयों के मामले में निवेश की ऊपरी सीमा 20 किलोग्राम है.

बॉन्‍ड खरीदने के फायदे
जैसे ही सोने की कीमतों में इजाफा होता है, वैसे ही गोल्ड बॉन्ड निवेशकों को इसका फायदा मिलता है. ये बॉन्‍ड पेपर और इलेक्‍ट्रॉनिक फॉर्मेट में होते हैं. जिससे आपको फिजिकल गोल्‍ड की तरह लॉकर में रखने का खर्च भी नहीं उठाना पड़ता. इस गोल्‍ड की बिक्री बैंकों, डाकघरों, एनएसई और बीएसई के अलावा स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के जरिए होती है.

कहां से खरीदें   
इसे खरीदने के लिए आपको अपने बैंक, बीएसई, एनएसई की वेबसाइट या डाकघर से संपर्क करना होगा. यहां से इसे डिजिटल तरीके से खरीदा जा सकता है. यह एक तरह का सिक्योर निवेश है क्योंकि न तो प्योरिटी की चिंता रहती है और न ही सिक्योरिटी का झंझट है.

गौरतलब है कि इस योजना की शुरुआत नवंबर 2015 में हुई थी. इसका मकसद भौतिक रूप से सोने की मांग में कमी लाना और सोने की खरीद में घरेलू बचत का इस्तेमाल वित्तीय बचत में करना है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here