Home राष्ट्रीय जब वैक्सीन इतनी ही सुरक्षित तो सरकार में किसी ने क्यों नहीं...

जब वैक्सीन इतनी ही सुरक्षित तो सरकार में किसी ने क्यों नहीं लगवाई:कांग्रेस ने खड़े किए सवाल….

8
0
SHARE

आखिरकार देश में शनिवार को वह घड़ी आ ही गई, जिसका करोड़ों लोगों को सालभर से बेसब्री से इंतजार था। भारत में कोरोना के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू हो गया। हालांकि, टीकाकरण के शुरू होने के महज कुछ ही घंटों में कांग्रेस ने अभियान पर सवाल खड़े कर दिए। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि कई जाने-माने डॉक्टरों ने कोवैक्सीन के प्रभावी होने पर सवाल खड़े किए हैं। वहीं, पूरी दुनिया में कई नेताओं ने आगे आकर खुद टीका लगवाया है, लेकिन भारत में सरकार से जुड़े किसी नेता ने ऐसा नहीं किया।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने वैक्सीन्स के इस्तेमाल की मंजूरी की प्रकिया पर सवाल खड़े करते हुए दावा किया कि टीकों की इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी देने के लिए कोई नीतिगत ढांचा नहीं है। मनीष तिवारी ने कहा, ”कई प्रख्यात डॉक्टरों ने सरकार के सामने कोवैक्सीन के प्रभावी और सुरक्षा के संबंध में सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि वे नहीं चुन सकेंगे कि उन्हें कौन सी वैक्सीन लेनी है। यह सहमति के पूरे सिद्धांत के खिलाफ जाता है।” उन्होंने आगे कहा कि अगर वैक्सीन इतनी सुरक्षित और विश्वसनीय है और इसकी एफिकेसी सवाल से परे है तो फिर यह कैसे हो सकता है कि सरकार से जुड़ा कोई भी खुद के टीकाकरण के लिए आगे नहीं आया, जबकि दुनिया के अन्य देशों में ऐसा ही हुआ है।” बता दें कि देश में सबसे पहले हेल्थकेयर वर्कर्स को टीका लगाया जा रहा है। आज तीन लाख स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लग जाएगा। वहीं, आम जनता को टीका लगने से पहले बुजुर्गों को लगाया जाएगा। इसी तरह, टीकाकरण में नेताओं को किसी भी तरह की प्राथमिकता नहीं दी जा रही है। पीएम मोदी ने भी पिछले दिनों सभी सांसदों और विधायकों को प्राथमिकता से कोरोना का टीका दिलाने की मांग को साफ न कह दिया था। उन्होंने कहा था कि इससे जनता में गलत संदेश जाएगा।

पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कोवैक्सीन की मंजूरी भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि कोवैक्सीन की अलग ही कहानी है। उसे उचित प्रक्रिया के बिना मंजूरी दी गई है। टीकाकरण शुरू होने पर तिवारी ने ट्वीट करते हुए कहा कि वैक्सीनेशन शुरू हो गया है और यह अजोबो-गरीब है कि भारत के पास आपात उपयोग को अधिकृत करने का कोई नीतिगत ढांचा नहीं है। फिर भी दो टीकों के इमरजेंसी स्थिति में इस्तेमाल की अनुमति दी गई।

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कोवैक्सीन पर कुछ समय पहले भी सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण अभी बाकी है। ऐसे में इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी चिंता बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय कोई गिनी पिग नहीं हैं। उन्होंने कहा था कि जब कोवैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल अभी पूरा नहीं हुआ है, तो यह इसकी प्रभावकारिता पर सवाल तो उठता ही है।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने शनिवार को कोरोना के खिलाफ विश्‍व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत की और कहा कि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के मेड इन इंडिया टीकों की सुरक्षा के प्रति आश्वस्त होने के बाद ही इसके उपयोग की अनुमति दी गई है। अभियान की शुरुआत से पहले राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि टीके की दो खुराक लेनी बहुत जरूरी है और इन दोनों के बीच लगभग एक महीने का अंतर होना चाहिए। बता दें कि पहले चरण के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इसके लिए कुल 3006 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। पहले दिन तीन लाख से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड-19 के टीके की खुराक दी जाएगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here