श्रीबदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि बसंत पंचमी यानी 16 फरवरी को पंचांग गणना के पश्चात नरेन्द्रनगर स्थित राजदरबार में तय होगी। प्रात: 9:30 बजे राजदरबार में तिथि घोषणा का कार्यक्रम शुरू होगा। इसी दिन गाडू घड़ा (तेल कलश) यात्रा का भी दिन निश्चित हो जायेगा।
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में 11 मार्च गुरुवार को शिवरात्रि के दिन तय होगी। जबकि गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट परंपरागत रूप से अक्षय तृतीया के दिन खुलेंगे। तीर्थ पुरोहितों द्वारा नव संवत्सर के दिन शीतकालीन प्रवास मुखवा में गंगोत्री तथा शीतकालीन प्रवास खरसाली में यमुना जयंती पर यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने का समय तय किया जाता है।
श्री गौड ने बताया कि बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय करने के लिए नरेंद्रनगर राजदरबार में 16 फरवरी प्रात: 9:30 बजे से कार्यक्रम शुरू हो जायेगा। गाडू घड़ा (तेल कलश) श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ एवं योग ध्यान बदरी पांडुकेश्वर में पूजा अर्चना के बाद 15 फरवरी शाम को देवस्थानम बोर्ड के चंद्रभागा स्थित धर्मशाला में पहुंचेगा। इसे 16 फरवरी को प्रात: राजदरबार के सुपुर्द किया जायेगा। इसी पवित्र घड़े में तिलों का तेल भगवान बदरीविशाल के अभिषेक हेतु कपाट खुलने के अवसर पर डिमरी पुजारियों द्वारा बदरीनाथ धाम पहुंचाया जायेगा।
इस अवसर पर महाराजा मनुजयेंद्र शाह, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, चारधाम विकास परिषद उपाध्यक्ष आचार्य शिवप्रसाद ममगाई, बदरीनाथ धाम के रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, संपूर्णानंद जोशी, देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन, देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह, धर्माधिकारी भुवनचंद्र उनियाल सहित डिमरी धार्मिक केन्द्रीय पंचायत पदाधिकारी विनोद डिमरी, आशुतोश डिमरी, नरेश डिमरी, ज्योतिष डिमरी एवं आचार्य वेदपाठीगण नरेन्द्रनगर राजदरबार पहुंचेंगे।