Home धर्म/ज्योतिष गुप्त नवरात्रि के दौरान ऐसे करें दुर्गा सप्तशती का पाठ….

गुप्त नवरात्रि के दौरान ऐसे करें दुर्गा सप्तशती का पाठ….

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गुप्त नवरात्रि 12 फरवरी से शुरू हो रहे हैं। शास्त्रों में कुल 4 नवरात्रि के बारे में बताया गया है। शरद, चैत्र, माघ और आषाढ़ नवरात्रि। माघ और आषाढ़ नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के साथ तांत्रिक 10 महाविद्याओं को प्रसन्न करने के लिए पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रि मुख्य रूप से साधुओं, तांत्रिकों द्वारा मां दुर्गा को प्रसन्न और तंत्र साधना के लिए मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा को गुप्त रखा जाता है, इससे पूजा का फल दोगुना मिलता है।

गुप्त नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इस पाठ को करने से मां दुर्गा प्रसन्न होकर अपने भक्तों को मनोवांछित वरदान देती हैं। दुर्गा सप्तशती का पाठ 13 अध्यायों और तीन चरणों में बंटा हुआ है। इस पाठ को करने के कुछ खास नियम और सावधानियां बताई गई हैं-

1. दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
2. दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से सबसे पहले स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए।
3. बैठने के लिए कुशा के आसन का प्रयोग करना चाहिए, अगर आपके पास कुशा का आसन नहीं है तो ऊन के बने हुए आसन का प्रयोग कर सकते हैं।
4. पाठ शुरू करने से पहले गणेश जी एवं सभी देवगणों को प्रणाम करें। माथे पर चंदन या रोली का तिलक लगाएं।
5. लाल पुष्प, अक्षत एवं जल मां को अर्पित करते हुए पाठ का संकल्प लें।
6. इसके बाद पाठ को आरंभ करने से पहले उत्कीलन मंत्र का जापकरें। इस मंत्र को आरंभ और अंत में 21 बार जप करना चाहिए।
7. इसके बाद मां दुर्गा का ध्यान करते हुए पाठ का आरंभ करें। इस तरह से मां दुर्गा सप्तशती का पाठ करने पर सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।

1. दुर्गा सप्तशती का पाठ न ज्यादा तेज स्वर में करें और न ज्यादा धीमी आवाज में करना चाहिए।
2. दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय उच्चारण स्पष्ट होना चाहिए।
3. अगर आप एक दिन में पाठ पूरा नहीं कर सकते हैं, तो कम से कम जो अध्याय आरंभ किया है उसे पूरा करना चाहिए।

गुप्त नवरात्रि 2021 तिथि और घट स्थापना शुभ मुहूर्त-

नवरात्रि शुरू 12 फरवरी 2021 दिन शुक्रवार
नवरात्रि समाप्त 21 फरवरी 2021 दिन रविवार
कलश स्थापना मुहूर्त- सुबह 08 बजकर 34 मिनट से 09 बजकर 59 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक।

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