Home हिमाचल प्रदेश शिक्षा का हाल: हिमाचल की राजधानी के इस सरकारी मिडल स्कूल में...

शिक्षा का हाल: हिमाचल की राजधानी के इस सरकारी मिडल स्कूल में छात्र मात्र तीन, शिक्षक चार….

41
0
SHARE

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के गवाही-दो मिडल स्कूल के हाल ये हैं कि यहां छात्र मात्र तीन हैं और नियमित शिक्षकों की संख्या चार। इस स्कूल में छात्र और शिक्षकों का यह अनुपात सिर्फ इसी शैक्षणिक सत्र का नहीं है, बल्कि पिछले तीन-चार साल से लगभग यही अनुपात चला आ रहा है। कोरोना काल में तो यहां विद्यार्थी संख्या मात्र दो ही थी। यही नहीं, स्कूल की मुख्याध्यापिका मुक्ता देवी का तो कहना यह है कि अभी स्कूल में कला अध्यापक का पद खाली है।

इस स्कूल में छठी कक्षा में एक छात्रा और सातवीं में दो छात्र हैं, जबकि आठवीं में एक भी विद्यार्थी नहीं है। प्रदेश सरकार राज्य में शिक्षा का स्तर ऊपर उठाने के लिए कई दावे करती है, लेकिन इस स्कूल की छात्र संख्या की तरफ या तो सरकार का ध्यान नहीं गया या फिर यह स्कूल छात्रों को देखकर नहीं, बल्कि शिक्षकों की शहर में एडजस्टमेंट के लिए अधिक उपयोगी साबित हो रहा है। इस स्कूल से मात्र डेढ़ किलोमीटर दूर अनाडेल हाई स्कूल भी है, जहां गवाही स्कूल को मर्ज किया जा सकता था।

विधानसभा शिमला शहरी यानी शहरी विकास मंत्री के चुनाव क्षेत्र में और नगर निगम क्षेत्र में आने वाले इस स्कूल में विद्यार्थी कम और शिक्षक अधिक हैं, लेकिन जिले के दूरदराज क्षेत्रों में कई ऐसे स्कूल भी हैं, जहां पढ़ने वाले छात्रों की संख्या तय अनुपात से कहीं अधिक है, लेकिन पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं हैं। सवाल यह उठता है कि आखिर सरकार और शिक्षा विभाग इन तीन छात्रों के लिए क्यों इतना खर्च कर रही है।

स्कूल में एक चतुर्थ श्रेणी कर्मी भी तैनात है। स्कूल का दौरा करने पर पाया कि मुख्याध्यापक मुक्ता देवी सातवीं कक्षा के दो छात्रों को गणित पढ़ा रही थीं, हिंदी की शिक्षिका छठी कक्षा की छात्रा को पढ़ा रही थी। दो शिक्षक क्लास छूटने का इंतजार कर रहे थे। शिक्षकों और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मी के औसतन वेतन पर ही खर्च प्रतिमाह करीब दो लाख से अधिक होता है। मुख्य अध्यापिका ने बताया कि शिक्षकों ने आसपास के गांवों में जाकर अभिभावकों से संपर्क कर अपने बच्चों को इस स्कूल में प्रवेश दिलवाने को लेकर अभियान चलाया, लेकिन सफलता नहीं मिली।

मुख्य अध्यापिका छात्रों को गणित और विज्ञान विषय, हिंदी की शिक्षिका हिंदी के साथ संस्कृत, जबकि पीटीआई अपने विषय के अलावा लोक संस्कृति पढ़ाते हैं, जबकि टीजीटी आर्ट्स की शिक्षिका समाज शास्त्र और इंग्लिश पढ़ाती हैं। इस बारे में शिक्षा उपनिदेशक अतिरिक्त कार्यभार एलीमेंटरी अशोक शर्मा ने बताया कि अभिभावकों का निजी स्कूलों की तरफ ज्यादा रुझान है। हमने अपनी तरफ से स्कूल में पूरा स्टाफ दिया है। 

प्राथमिक पाठशाला गवाही-दो में इस सत्र में दस विद्यार्थियों ने दाखिला लिया है। इनमें पहली कक्षा में चार विद्यार्थी, दूसरी में एक, तीसरी में तीन, जबकि चौथी कक्षा में एक भी छात्र ने प्रवेश नहीं लिया है। पांचवीं कक्षा में दो विद्यार्थी हैं। स्कूल में दो जेबीटी शिक्षक तैनात हैं। एक के छुट्टी पर जाए तो पढ़ाने की सारी जिम्मेदारी सिर्फ एक शिक्षक पर होती है। स्कूल की शिक्षिका रजनी सूद ने बताया कि 2021 में यहां सात विद्यार्थी थे। स्कूल में सिर्फ दो क्लास रूम हैं, इसी में से एक में आफिस चलता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here