सुप्रीम कोर्ट ने अल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को अंतरिम राहत दी है। शीर्ष अदालत ने यूपी सरकार को बुधवार तक उनके खिलाफ दर्ज 5 मामलों में कोई कार्रवाई न करने को कहा है। अदालत ने कहा कि इस मामले की सुनवाई बुधवार तक की जाएगी तब तक यूपी पुलिस और अदालतों की ओर से कोई कार्रवाई न की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद जुबैर की उस अर्जी की सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ यूपी में दर्ज 6 एफआईआर को रद्द कराने की मांग की थी। इन मामलों में जुबैर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले पोस्ट करने के आरोप लगाए गए हैं।
शीर्ष अदालत ने यह फैसला जुबैर की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। इस याचिका में जुबैर ने तत्काल सुनवाई की गुहार लगाते हुए यूपी के विभिन्न जिलों में दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग की थी। यह एफआई धार्मिक भावनाओं को भड़काने, समाचार एंकरों पर व्यंगात्मक टिप्पणियों, हिंदू देवताओं पर अपमानजनक टिप्पणियों और उत्तेजक पोस्ट शेयर करने पर दर्ज की गई हैं। इसके अलावा अदालत ने जुबैर की याचिका के आधार पर यूपी सरकार को एक नोटिस भी जारी किया है। ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक के खिलाफ दो मामले हाथरस, जबकि गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, लखीमपुर खीरी और सीतापुर में एक-एक मामले दर्ज हैं।
इससे पहले चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की बेंच ने जुबैर की वकील वृंदा ग्रोवर की प्रस्तुतियों का संज्ञान लिया। इसमें फैक्ट चेकर और पत्रकार के ऊपर दर्ज विभिन्न एफआईआर को देखते हुए अर्जेंट हियरिंग की बात कही गई थी। जुबैर को पिछले महीने दिल्ली पुलिस ने 2018 में हिंदुओं के भगवान पर किए गए ट्वीट के मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी। हालांकि धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आरोप में यूपी में दर्ज विभिन्न एफआईआर के चलते उन्हें जेल में रहना पड़ा था।