शिवसेना की लड़ाई एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। उद्धव ठाकरे के गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव आयोग की कार्रवाई पर रोक की मांग की है। चुनाव आयोग के समक्ष एकनाथ शिंदे गुट ने दावा ठोका है कि उनका ग्रुप ही असली शिवसेना है। इसे लेकर चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों से अपने-अपने समर्थन में दावों को पेश करने को कहा था। खास बात है कि बगावत के बाद महाराष्ट्र में शिवसेना पर नियंत्रण की जंग शुरू हो गई थी। बीत दिनों आयोग को पत्र लिखकर पार्टी पर दावा पेश किया था। हालांकि, आयोग ने 8 अगस्त तक दोनों समूह से दावे और आपत्तियां मांगी थीं।
उद्धव कैंप की की तरफ से पेश अर्जी में कहा है कि यह मामला अभी अदालत में लंबित है। इसलिए चुनाव आयोग इस मामले पर अभी आगे नहीं बढ़ सकता है। दोनों दलों ने एक दूसरे के विधायकों समेत अन्य मामलों को लेकर शीर्ष न्यायलय में याचिकाएं दायर की हैं।
शिवसेना खत्म करने के आरोप
शिवसेना प्रमुख ठाकरे ने कहा है कि पार्टी में पिछले विद्रोहों के विपरीत, इस बार बगावत का उद्देश्य शिवसेना को खत्म करना है। ठाकरे ने रविवार को दक्षिण मुंबई में एक वार्ड स्तरीय पार्टी कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद शिवसेना कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दावा किया कि शिवसेना हिंदुत्व के लिए राजनीति में है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने राजनीतिक हितों के लिए हिंदुत्व का इस्तेमाल करती है।
पिछले महीने, शिवसेना विधायक एकनाथ शिंदे और 39 अन्य विधायकों ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह किया था, जिससे ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई। 30 जून को शिंदे ने मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। ठाकरे ने कहा, ‘पहले के विद्रोहों के विपरीत, यह बगावत शिवसेना को हमेशा के लिए खत्म करने के लिए है। उन्होंने हमारा मुकाबला करने के लिए पेशेवर एजेंसियों को लगा रखा है। यह धन और निष्ठा के बीच की लड़ाई है।’
ठाकरे 27 जुलाई को 62 वर्ष के हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस बार उन्हें अपने जन्मदिन पर गुलदस्ता नहीं चाहिए, लेकिन शिवसेना कार्यकर्ताओं से हलफनामा चाहिए कि वे पार्टी पर भरोसा करते हैं और अधिक से अधिक लोगों को पार्टी के सदस्य के रूप में जोड़ेंगे।
ठाकरे ने कहा, ‘लड़ाई अब भारत निर्वाचन आयोग के पास भी पहुंची है, जिसमें दोनों गुट मूल शिवसेना होने का दावा कर रहे हैं। हमें न केवल जोश की जरूरत है, बल्कि पार्टी के सदस्यों के रूप में लोगों के ठोस समर्थन और पंजीकरण की भी जरूरत है।’
पूर्व मुख्यमंत्री ने बिना किसी का नाम लिए अपने चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे पर निशाना साधा, जिन्होंने कथित तौर पर कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो वह शिवसेना के 40 बागी विधायकों को अपनी पार्टी में विलय करने की अनुमति देने पर विचार करेंगे।
उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘मुझे पता है कि इन लोगों के लिए एक प्रस्ताव दिया गया है। मुझे नहीं पता कि यह किस प्रकार का ‘केमिकल लोचा’ (असंतुलन) है, लेकिन इन लोगों को पता नहीं है कि उन्होंने किसके साथ खिलवाड़ किया है।’ उन्होंने बागी विधायकों का जिक्र करते हुए कहा, ‘मुझे नहीं पता कि आपको क्या कहकर बुलाऊं।’ इस पर वहां मौजूद भीड़ ने नारा लगाया, ‘गद्दार’।
शिवसेना प्रमुख ने तब कहा, ‘यह उनके सिर पर ठप्पा है और वे जहां भी जाएंगे उन्हें इसे अपने साथ ले जाना होगा। उन्होंने इसे अपने कर्मों से अर्जित किया है। लोगों के प्रतिनिधि होने के बावजूद, वे केंद्र सरकार की सुरक्षा के साथ घूम रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि ‘शिवसेना ने आम लोगों को खास बना दिया’ और इस इसी कारण इन 40 (बागी) विधायकों ने चुनाव जीता। उन्होंने कहा कि अब इसे शिवसेना कार्यकर्ताओं के नए समूह के साथ दोहराने का समय है।