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MP बना ”मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट”, देश का पहला राज्य जो फिल्मों की शूटिंग पर देता है सब्सिडी…

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मध्य प्रदेश को इस बार 68वें नेशनल फिल्म अवार्ड में ”मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट” का अवार्ड दिया गया है. यह प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि पिछले कुछ सालों में फिल्मों की शूटिंग के लिए मध्य प्रदेश फिल्म निर्माताओं की सबसे पसंदीदा जगह बनकर उभरा है. यही वज है कि देश का दिल कहे जाने वाले मध्यप्रदेश की चर्चाएं इन दिनों पूरे देश में हो रही है, क्योंकि वजह है यहां का मोस्ट फिल्म फ्रेंडली होना. 

मध्य प्रदेश लगातार शूटिंग के लिहाज अनुकूल इसलिए भी होता जा रहा है क्योंकि यहां प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरें हैं तो है ही, साथ ही सरकार की तरफ से भी फिल्मों की शूटिंग के लिए  सब्सिडी मिल रही है. बीते दिनों पहले ही मुंबई में आयोजित पांचवें ग्लोबल फिल्म टूरिज्म कान्क्लेव में ज्यादातर राज्यों ने यहां की फिल्म और पर्यटन नीति को सराहा है. 

मध्य प्रदेश में साल 2020 में फिल्म पर्यटन नीति लागू की गई, जिसके बाद से लेकर अब तक यानी कि महज 2 सालों में 150 से अधिक फिल्म वेब सीरीज शूट की जा चुकी है. मध्य प्रदेश की फिल्म नीति की वजह से निर्माता यहां आ रहे हैं. इसके अलावा भी एमपी में बढ़ती फिल्मों की शूटिंग की कुछ और भी प्रमुख वजहें हैं. 

  • मप्र पहला राज्य है जो शूटिंग के लिए पांच कैटेगरी में 35 लाख से 5 करोड़ तक की सब्सिडी दे रहा है, शूटिंग परमिशन के लिए सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया है. 
  • ज्यादा से ज्यादा निर्माता प्रदेश में फिल्मों को शूट कर सके इसलिए सिंगल विंडो सिस्टम की सुविधा के साथ विभिन्न प्रकार के अनुदान और छूट दी जाती है. 
  • सिंगल विंडो सिस्टम के कारण राज्य में परमिशन की प्रक्रिया शिथिल हो गई है, बाकी राज्यो में परमिशन के लिए निर्माताओं निर्देशकों को बेहद परेशानी होती है. 
  • स्थानीय कलाकारों को बढ़ावा मिल सके इसलिए यहां के कलाकारों को लेने पर फिल्म मेकिंग में लेने के लिए अतिरिक्त 25 लाख तक के वित्तीय अनुदान का प्रविधान बनाया गया है.
  • फिल्म इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर 30 प्रतिशत तक के वित्तीय अनुदान के साथ फिल्म क्रू के लिए पर्यटन विभाग के होटल और रिजार्ट में ठहरने पर 40 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाती है. 

इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय फिल्म, टीवी सीरियल और वेब सीरीज के लिए अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक का, फीचर फिल्म के लिए 25 प्रतिशत अथवा दो करोड़ रुपये तक का एवं टीवी सीरियल अथवा वेब सीरीज के लिए 25 प्रतिशत या एक करोड़ तक का वित्तीय अनुदान का प्रविधान किया गया है. साथ ही डाक्यूमेंट्री के लिए अधिकतम 40 लाख का अनुदान दिया जाता है. जो मध्य प्रदेश में तेजी से बढ़ती शूटिंग्स की प्रमुख वजहे हैं

हालांकि मध्य प्रदेश में बनने वाली फिल्म सिटी की बात ठंडे बस्ते में ही नजर आती है. राज्य में कई बार फिल्म सिटी की चर्चा तो हुई लेकिन बात हमेशा चर्चाओं तक ही सीमित रही. 80 के दशक में फ़िल्म विकास निगम का गठन भी किया है जो कुछ समय बाद बंद हो गया. पहले तैयारी थी कि फिल्म सिटी भोपाल में बनाई जाएगी बाद में इसे इंदौर में बनाने की बात उठी, जमीन भी देखी गई लेकिन अब तक इसपर कोई फैसला नहीं लिया जा सका है. फिल्म स्टार शत्रुघ्न सिन्हा ने फिल्म सिटी बनाने के लिए भोपाल के पास बंगरसिया गांव को लेकर एक योजना भी बनाई थी लेकिन इसपर भी काम शुरू नहीं हो पाया है. 

हालांकि योगी सरकार की फिल्म सिटी बनाने की घोषणा के बाद से ही लगातार स्थानीय कलाकार समेत कई निर्माता भी राज्य की ओर देख रहे हैं कि आखिर यहां कब फ़िल्म सिटी पर काम शुरू किया जाएगा. लेकिन इस बार मिले अवार्ड के बाद यह उम्मीद का जा रही है कि इस दिशा में भी अब जल्द से जल्द काम हो सकता है. 

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