हिमाचल प्रदेश राज्य रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा चार अगस्त से जिला मुख्यालयों तथा उपमंडल स्तर तक हरियाली उत्सव के नाम से पौधरोपण अभियान का शुभारंभ किया जाएगा। राज्यपाल एवं राज्य रेड क्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर मंडी जिला के थुनाग से इस अभियान का शुभारंभ करेंगे। इसके अतिरिक्त शिमला जिला के मशोबरा से छः अगस्त को प्रदेश के 200 चयनित विद्यालयों में पाठशाला आयुष वाटिका कार्यक्रम भी शुरू किया जाएगा। राज्यपाल ने आज नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी उपायुक्तों जो जिला स्तरीय रेडक्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष भी हैं के साथ आयोजित बैठक में यह जानकारी दी। राज्य रेडक्रॉस अस्पताल कल्याण अनुभाग की अध्यक्षा एवं भारतीय रेड क्रॉस प्रबंधन समिति की सदस्य डॉ. साधना ठाकुर भी वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुईं। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए आम नागरिकों और विद्यार्थियों की सहभागिता को केंद्र में रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के अन्तर्गत पौधरोपण करना तथा पौधों का संरक्षण कर उन्हें पूर्ण रूप से विकसित कर पेड़ बनने तक उनका संरक्षण करने के मूल सिद्धांत पर कार्य किया जाएगा। इस प्रकार हम प्रकृति के प्रति अपना आभार व्यक्त कर सकते हैं। उन्होंने लोगों से इस अभियान में गंभीरता के साथ अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने और पौधों का सम्पूर्ण विकास सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पौधरोपण क्षमता और उनकी व्यवहारिकता को ध्यान में रखते हुए पौधरोपण किया जाना चाहिए।
उन्होंने उपायुक्तों को जिला स्तर पर वन विभाग के अधिकारियों से और उपमंडल स्तर पर उपमंडल अधिकारियों को संबंधित वन मंडलाधिकारी/सहायक वन संरक्षक के साथ परामर्श कर उपयुक्त स्थानों की पहचान करने के निर्देश दिए। उन्होंने पौधों का विवरण रखने के भी निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक करने के लिए इस कार्यक्रम को उत्सव के रूप में आयोजित किया जाए। इस कार्यक्रम में सीड बॉलस को भी शामिल किया जाएगा। राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के 200 विद्यालयों में आयुष वाटिका विकसित करने का उद्देश्य युवाओं में पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता, पारम्परिक आयुर्वेदिक ज्ञान के प्रति जिज्ञासा और पौधों के संरक्षण के प्रति संवदेनशीलता पैदा करना है। उन्होंने कहा कि पौधरोपण से पहले प्रेरक सत्र आयोजित किए जाएंगे जिसमें पर्यावरण के संदर्भ में आजादी का अमृत महोत्सव के महत्व के बारे तथा हरित आवरण बढ़ाने में व्यक्तिगत योगदान पर चर्चा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि पाठशाला आयुष वाटिका कार्यक्रम के अन्तर्गत उपलब्ध पौधों में से लगभग 50 प्रतिशत पौधे चिन्हित विद्यालय परिसरों में लगाए जाएंगे, जहां संबंधित स्कूल प्रबंधन व्यक्तिगत रूप से विद्यार्थियों को पौधों के संरक्षण और रख-रखाव की जिम्मेदारी देगा। विद्यालय के नोडल अध्यापक द्वारा रजिस्टर में पौधों का रिकॉर्ड रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि शेष पौधे विद्यार्थियों के बीच वितरित किए जाएंगे और उन्हें घर या उनकी पसंद के किसी दूसरे स्थान पर लगाने के निर्देश दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अध्यापक और नोडल अधिकारी समय-समय पर विद्यार्थियों द्वारा रोपित किए गए पौधों की प्रगति की रिपोर्ट ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस दिशा में शिक्षा, वन एवं आयुष विभाग अपनी फील्ड एजेंसियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करेंगे। डॉ. साधना ठाकुर ने रेड क्रॉस को इस अभियान में शामिल करने के लिए राज्यपाल का आभार व्यक्त किया और रेड क्रॉस स्वयंसेवकों से आरसी जैकेट पहनने का भी आग्रह किया जो कि रेड क्रॉस के सदस्यों की संख्या बढ़ाने में सहायक होगा।
राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा ने कार्यवाही का संचालन करते हुए बताया कि 4 अगस्त को थुनाग में हरियाली उत्सव पौधरोपण अभियान आयोजित किया जाएगा। यह अभियान को युवक मंडलों, महिला मंडलों और रेड क्रॉस स्वयंसेवकों की भागीदारी से आयोजित किया जाएगा और इसके उपरांत महाविद्यालय स्तर पर वार्षिक उत्सव आयोजित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त सभी जिला मुख्यालयों और उप-मंडलों में रेड क्रॉस स्वयंसेवकों को शामिल करके पूरे राज्य में इसी तरह के पौधरोपण अभियान चलाए जाएंगे।उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष में जिला या उप-मंडल द्वारा एकत्रित रेड क्रॉस निधि का 50 प्रतिशत तक का उपयोग इस अभ्यास के प्रतिभागियों को जलपान इत्यादि प्रदान करने के उद्देश्य से किया जा सकता है।