संसद के मॉनसून सत्र के दौरान सदन के वेल में प्रवेश करने और नारेबाजी के लिए राज्यसभा के 19 सांसदों को निलंबित किया गया है. तृणमूल कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव, डॉ. शांतनु सेन और डोला सेन सहित 19 सांसदों को सप्ताह के शेष भाग के लिए सस्पेंड किया गया है. निलंबित किए गए सांसदों में सुष्मिता देब, डॉ. शांतनु सेन और डोला सेन के अलावा मौसम नूर, शांता छेत्रीय, नदीमुल हक, अबीरंजन विश्वास (सभी तृणमूल कांग्रेस) के अलावा ए. रहीम और शिवदासान (वामदल), कनिमोझी (डीएमके), बीएल यादव (टीआरएस) और मोहम्मद अब्दुल्ला शामिल हैं.विपक्षी सांसदों के हंगामें के कारण उच्च सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित की गई है. गौरतलब है कि लोकसभा में हंगामे पर स्पीकर ओम बिरला द्वारा कांग्रेस के चार सदस्यों को पूरे सत्र के लिए निलंबित किए जाने के एक दिन बाद यह कार्रवाई सामने आई है. लोकसभा में हंगामे के लिए कांग्रेस सांसद ज्योतिमणी, माणिकम टैगोर, टीएन प्रथापन और राम्या हरिदास को सोमवार को सस्पेंड किया गया था.
सोमवार को विपक्षी सांसदों के लगातार हंगामे के बीच दोपहर 2.30 बजे लोकसभा की कार्यवाही स्थगित करते हुए स्पीकर ओम बिरला ने कड़े कदम उठाने के संकेत दिए थे. उन्होंने तख्तियां दिखाने वालों को सदन से बाहर करने के संकेत दिए थे. इसके बाद बिरला के कक्ष में हुई सभी दलों की बैठक हुई जिसमें विपक्षी दलों ने स्पीकर बिरला को सदन में तख्तियां नहीं दिखाने और हंगामा नहीं करने के लिए आश्वस्त किया था. विपक्षी सांसदों ने सदन के सुचारू संचालन में सहयोग को लेकर भी आश्वासन दिया था, इसके बावजूद सदन में तख्तियां लहराई गईं और हंगामा हुआ. इसके बाद स्पीकर बिरला ने कड़ा निर्णय लेते हुए कल चार सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित करने का निर्णय लिया था.
गौरतलब है कि बढ़ती महंगाई और जरूरी वस्तुओं पर जीएसटी के मुद्दे तख्तियां और बैनर लेकर हंगामा करने वाले विपक्ष के सांसद मांग कर रहे हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी संसद में आएं और इन मु्द्दों पर उनकी बात को सुनें. विपक्ष लगातार महंगाई के मसले पर चर्चा की मांग कर रहा है. संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत 18 जुलाई से हुई है लेकिन विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाही लगातार बाधित हुई है.