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ग़ैर-मुस्लिम छात्राओं की हिजाब में तस्वीर से विवाद के बाद स्कूल में पहुँचा बुलडोज़र….

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हाल ही में मध्य प्रदेश के दमोह में गंगा जमुना सेकंड्री स्कूल को लेकर तब विवाद खड़ा हो गया था, जब उसने अपनी 10वीं कक्षा की ग़ैर-मुस्लिम छात्राओं की तस्वीर हिजाब में एक पोस्टर पर छापी थी. इस घटना के सामने आने के बाद स्कूल की प्रिंसिपल अफ़शां शेख़, गणित के शिक्षक अनस अतहर और सुरक्षाकर्मी रुस्तम अली को छात्राओं को जबरन हिजाब पहनाने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है.

कथित अतिक्रमण को हटाने आए प्रशासन के लोगों को स्थानीय लोगों और इस स्कूल के छात्रों के परिजनों के विरोध का भी सामना करना पड़ा.इस महीने इस स्कूल की मान्यता को भी रद्द कर दिया गया था. एक छात्रा की परिजन मुबारिका बेगम ने कहा, “वो इनके भविष्य के साथ खेल रहे हैं. हमारे बच्चे यहां पर 12 सालों से पढ़ रहे हैं.”

प्रिंसिपल के बच्चे भी इसी स्कूल में

इस स्कूल की प्रिंसिपल अफ़शां शेख़ की बेटी भी उसी पोस्टर में थीं और उनके दो बच्चे इसी स्कूल में आठवीं और 11वीं क्लास में पढ़ते हैं.

अफ़शा के पति शेख़ इक़बाल ने दमोह में कोर्ट के बाहर रोते हुए अख़बार से कहा, “पॉलिटिक्स ने मेरा परिवार बर्बाद कर दिया.”

अफ़शां इस समय न्यायिक हिरासत में हैं और उनके पति इक़बाल उन्हें ज़मानत दिलाने की कोशिशों में लगे हुए हैं.

साल 2010 में गंगा जमुना वेलफ़ेयर सोसाइटी के तहत इस स्कूल को स्थापित किया गया था जो फ़ुटेरा वॉर्ड में इकलौता इंग्लिश मीडियम स्कूल है और इसके अधिकतर छात्र मज़दूर वर्ग के परिवारों से आते हैं.

रविवार को चीफ़ म्युनिसिपल ऑफ़िसर (सीएमओ) ने स्कूल प्राधिकरण को अवैध निर्माण का नोटिस देते हुए तीन दिन के अंदर संबंधित दस्तावेज़ पेश करने के लिए कहा था. इसके बाद मंगलवार को प्रशासन की टीम बुलडोज़र लेकर स्कूल पहुंची थी.

सीएमओ बीएल सिंह ने अख़बार से कहा कि ‘मुख्य इमारत के बगल में बन रही नई इमारत की पहली मंज़िल से हम अवैध निर्माण हटा रहे हैं. स्थानीय लोगों को लग रहा था कि हम स्कूल ढहाने आए हैं. उन्होंने हमारा विरोध किया तो हम पुलिस बल के साथ वापस आ गए.’

स्कूल की मान्यता रद्द होने के बाद छात्रों के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है. 15 जून से छात्रों के नए बैच की पढ़ाई शुरू होने जा रही थी.

बैरिकेड के सामने खड़ी 10 साल की अलफ़िया ने अख़बार से रोते हुए कहा, “हम यहीं पढ़ेंगे, हम यहीं पढ़ेंगे.”

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