Home राष्ट्रीय भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद का बांग्लादेश कनेक्शन….

भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद का बांग्लादेश कनेक्शन….

42
0
SHARE

पिछले दिनों भारत के दौरे पर गए नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल प्रचंड ने कहा कि उनका देश शुरू से ही बांग्लादेश तक जाने का सीधा रास्ता चाहता रहा है.

नेपाल लौट कर आने के बाद प्रचंड ने कहा कि उन्होंने नेपाली सीमा के विशेषज्ञों से कई विकल्पों पर चर्चा की है लेकिन अपनी तरफ़ से कोई ठोस प्रस्ताव नहीं रखा है.

उनका कहना है कि भारत और नेपाल के बीच नक्शे को लेकर जो विवाद है, उसे अगर इस आधार पर सुलझाया जा सकता है तो लिपुलेख को सीमा की नदी माना जा सकता है

और उत्तर और पश्चिम में 310 वर्ग किलोमीटर की ज़मीन भारत के लिए छोड़ी जा सकती है.

उनके मुताबिक़ नेपाल को भारत के पास मौजूद चकाला का 310 वर्ग किलोमीटर ज़मीन लेना चाहिए ताकि ये काकड़ाविट्टा के पूरब में तालाब के ज़रिये बांग्लादेश में बांग्लाबांध पर ज़ीरो पॉइंट तक छू सके.

भारतीय विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक गंभीर मुद्दा है और भारत मानता है कि वह ऐसा कोई फ़ैसला नहीं लेगा जिससे चीन के साथ उसके मौजूदा तनाव को देखते हुए कोई हित प्रभावित हो.

भारतीय सेना के रिटायर्ड मेजर जनरल एसबी अस्थाना कहते हैं, ’’ये इस मुद्दे को सुलझाने का सही वक़्त नहीं है क्योंकि हम कई और दूसरे मुद्दों से जूझ रहे हैं.”

पिछले कुछ समय से एलएसी पर भारत और चीन की सेना आमने-सामने हैं.

नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड का मानना है कि भारत के साथ नेपाल का सीमा विवाद ज़मीन की अदला-बदली के ज़रिये सुलझाया जा सकता है.

लेकिन भारतीय सेना से जुड़े अफसरों का कहना है कि वे ये नहीं समझते कि इस तरह के किसी विकल्प पर इस समय बात हो रही है.

फिर भी उनके मुताबिक़ प्रचंड और नरेंद्र मोदी के बीच बातचीत में जताई गई प्रतिबद्धताओं के आधार पर दोनों देशों के बीच सीमा विवाद सुलझाने का कोई मैकेनिज्म काम करना शुरू कर देता है तो ये एक बड़ी उपलब्धि होगी.

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रचंड से मुलाक़ात के बाद कहा था कि ये मुलाक़ात भारत और नेपाल के बीच रिश्ते हिमालय की ऊंचाई तक ले जाएगी और दोनों देशों के बीच सीमा विवाद उनके लोगों की भावनाओं के आधार पर सुलझाया जाएगा.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here