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कई राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी, जानें आपके राज्य का मौसम अपडेट

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मानसून के आगमन के साथ ही मौसम विभाग ने कई राज्यों में भारी बारिश की संभावना को देखते हुए रेड अलर्ट जारी कर दिया है. स्काईमेट वेदर रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर भारत के मध्य भाग में निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है. वहीं, एक टर्फ रेखा उत्तर-पश्चिम राजस्थान से उत्तर-पूर्वी बंगाल की खाड़ी तक और एक टर्फ रेखा राजस्थान से मध्य प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है. 

अगले 24 घंटों के दौरान, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, गोवा, कर्नाटक, उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़, हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है. मौसम विभाग ने दिल्ली-एनसीआर के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है. 

राजस्थान में पिछले 24 घंटों के दौरान कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई. प्रदेश के टोंक के निवाई और जोधपुर के देचू में सबसे अधिक 11-11 सेमी बारिश हुई. मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के राज्य में आगे बढ़ने के कारण प्रदेश में व्यापक वर्षा हुई और इसके आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं.

राजधानी जयपुर में सुबह से बादल छाये हुए हैं. शहर के कई स्थानों पर दोपहर के बाद रूक रूक कर तेज बारिश का दौर चला जिससे कई जगहों पर जलभराव के कारण राहगीरों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ा.

विभाग ने शुक्रवार को अजमेर, भीलवाड़ा, बूंदी में अति भारी बारिश और बांसवाड़ा, बारां, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, झालावाड़, कोटा, प्रतापगढ़, राजसमंद, सवाई माधोपुर, टोंक, उदयपुर, नागौर और पाली में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. 

कर्नाटक में तटीय जिलों, दक्षिण कन्नड़ और उडुपी में अगले 10 दिनों में भारी बारिश होने की संभावना जताई है. तटीय जिलों में मध्यम से भारी यानी 64.5 मिलीमीटर से 115 मिलीमीटर बारिश हो सकती है जबकि इसी अवधि में कुछ स्थानों पर 244.4 मिलीमीटर तक भारी बारिश हो सकती है.

कर्नाटक के सभी तटीय जिलों में विभिन्न स्थानों पर बिजली चमकने और बादलों की गरज के साथ बारिश होने की संभावना भी है.  तटीय इलाकों में भारी बारिश के साथ ऊंची लहरें भी उठ सकती हैं जिसके परिणामस्वरूप निचले क्षेत्रों में जलभराव और बाढ़ की समस्या हो सकती है. 

स्थिति को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने इन इलाकों में पानी निकालने वाले पंप और अन्य उपकरण तैनात करने के निर्देश दिए हैं. निगरानी केंद्र ने प्रशासन से किसी भी दुर्घटना को रोकने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) कर्मियों को तैनात करने के लिए भी कहा है. 

मछुआरों से समुद्र में ना जाने के लिए कहा है क्योंकि कर्नाटक तट पर दो जुलाई तक तूफानी मौसम में 45 से 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है. इस दौरान लहरों की ऊंचाई तीन से 3.2 मीटर तक होगी.

दक्षिणी गुजरात के कई हिस्सों में पिछले 36 घंटों के दौरान भारी बारिश हुई तथा अगले दो दिनों में और अधिक बारिश होने की संभावना है. मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक भारी बारिश के कारण दक्षिण गुजरात के वलसाड, सूरत, नवसारी और तापी जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया तथा यातायात प्रभावित हुआ, क्योंकि भारी बारिश के कारण निचले इलाकों में पानी भर गया और कुछ हिस्सों में सड़कें बंद हो गईं.

आईएमडी ने अपने पूर्वानुमान में अनुमान जताया कि नवसारी, वलसाड, दाहोद, साबरकांठा, महिसागर, वडोदरा, तापी, भरूच और जूनागढ़ जिले सहित पूरे गुजरात में शुक्रवार को अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होगी. इसके अलावा शनिवार को दक्षिण गुजरात क्षेत्र के कुछ स्थानों पर ”भारी वर्षा” होने की संभावना है. 

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