Home फिल्म जगत Movie Review: ‘कड़वी हवा’ में संजय मिश्रा का शानदार अभिनय….

Movie Review: ‘कड़वी हवा’ में संजय मिश्रा का शानदार अभिनय….

6
0
SHARE

फिल्म का नाम: कड़वी हवा

डायरेक्टर: नीला माधाब पांडा

स्टार कास्ट: संजय मिश्रा, रणवीर शॉरी, तिलोत्तमा शोम, भूपेश सिंह

अवधि:1 घंटा 40 मिनट

सर्टिफिकेट: U

रेटिंग: 3.5 स्टार

‘आई एम कलाम’, ‘जलपरी’ जैसी फिल्में बना चुके निर्माता-निर्देशक नीला माधाब पांडा को बहुत सारे अवॉर्ड मिल चुके हैं. साथ ही साथ भारत सरकार की तरफ से पद्मश्री से भी नवाजा जा चुका है. इस बार नीला ने एक बार फिर से अहम मुद्दे की तरफ ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की है. क्या वह इस मकसद में सफल हो पाए हैं, आइए जानने की कोशिश करते हैं.

कहानी:

यह कहानी एक रेतीले गांव से शुरू होती है, जहां पर दिव्यांग (नेत्रहीन) हेदु (संजय मिश्रा) नामक बुजुर्ग अपने बेटे मुकुंद (भूपेश सिंह), बहू पार्वती (तिलोत्तमा शोम) और दो पोतियां पीहू और कूहू के साथ रहते हैं. गांव की जमीन बंजर होने के कारण वहां का किसान कर्जा तो ले लेता है, लेकिन फसल ना हो पाने के कारण कर्जे को ब्याज सहित चुका पाने में असफल दिखाई देता है. इस वजह से किसानों की आत्महत्या एक आम बात बन चुकी है.

किसानों से कर्जे का पैसा वसूलने का काम गुनु बाबू (रणवीर शॉरी) करते हैं. कभी कुछ किसान पैसे दे देते हैं तो कभी कुछ आनाकानी करते हैं, जिस वजह से गुनु चिंतित भी रहता है. वहां के लोग उसे यमदूत कहकर बुलाते  हैं. इसी बीच गुनु की मुलाकात हेदु से होती है और धीरे-धीरे हेदु एक खास शर्त पर गुनु की मदद करता है.

गुनु वैसे तो ओडिशा का रहने वाला है, जहां उसके बीवी-बच्चे रहते हैं, पर वह काम-काज के सिलसिले में इस गांव में रहता है और चाहता है कि उसके बीवी बच्चे बहुत जल्द उसके साथ इस गांव में आ जाए.

अब क्या गुनु का परिवार गांव में आ पाता है? आखिरकार हेदू ने ऐसी क्या शर्त रखी थी जिसकी वजह से कहानी में बहुत सारा उलटफेर होता है, यह सब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.

फिल्म की कहानी काफी दिलचस्प है. यह सत्य घटनाओं पर आधारित है.

नीला ने फिल्म के लोकेशन काफी दिलचस्प रखे हैं जो कि काफी रॉ हैं और जमीनी हकीकत को बयां कर पाने में पूरी तरीके से सक्षम दिखाई देते हैं.

फिल्म की लिखावट काफी शानदार है और सिनेमेटोग्राफी उम्दा है जो कि आपको हर तरीके के इमोशन से लेते हुए आगे बढ़ती है.

फिल्म का डायरेक्शन बहुत ही अच्छा है और साथ ही साथ स्क्रीन प्ले भी बढ़िया लिखा गया है.

संजय मिश्रा ने दिल को छू लेने वाला काम इस फिल्म में किया है और उनके अभिनय को देखते हुए लगता है कि राष्ट्रीय पुरस्कार अगर उन्हें मिले तो किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए. अभिनय के लिहाज से वह आप को पूरी तरीके से झकझोर देते हैं. पिता पुत्र के रिश्ते को भी बहुत ही अच्छे तरीके से संजय मिश्रा ने भूपेश सिंह के साथ निभाया है. बहू का किरदार निभाने वालीं अभिनेत्री तिलोत्तमा ने अच्छा काम किया है. रणवीर शोरी का अभिनय भी उम्दा है. फिल्म के बाकी कलाकारों का काम भी सहज है.

म्यूजिक अच्छा है. बैकग्राउंड स्कोर कहानी के साथ-साथ चलता है. आखिर में आने वाली गुलजार साहब की पंक्तियां दिल को छू जाती हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि मौसम के बदलाव और हवाओं के रुख के बारे में बहुत बड़ी बात यह फिल्म कह जाती है और अंततः आने वाले आंकड़े सोचने पर विवश भी करते हैं.फिल्म का बजट 10 करोड़ रुपये से कम बताया जा रहा है. इसे देखने के लिए शायद हर तबका थिएटर तक ना पहुंचे, लेकिन फिल्म का सौभाग्य होगा अगर वर्ड ऑफ माउथ इसे और भी ज्यादा चर्चा का विषय बना देता है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here