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पेयजल स्टोरेज टैंकों की सफाई के लिए सोमवार से 15 दिन का एक अभियान लांच किया

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IPH विभाग ने प्रदेशभर के पेयजल स्टोरेज टैंकों की सफाई के लिए सोमवार से 15 दिन का एक अभियान लांच किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम को देखते हुए आईपीएच का ये पहला कार्यक्रम था, जो नई सरकार के नए मुख्यमंत्री के लिए भी पहला था। शिमला के संजौली वाटर टैंक एरिया में सफाई के साथ इसका शुभारंभ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, IPH मंत्री महेंद्र सिंह और शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 90 लाख लीटर पानी की क्षमता वाला संजौली का जल भंडारण टैंक राज्य का सबसे बड़ा टैंक है। अधिकांश जल जनित बीमारियां टैंकों की सफाई के प्रति उदासीनता के कारण होती हैं, क्योंकि निर्माण के उपरांत इन टैंकों की लंबे समय तक देखभाल नहीं की जाती। जयराम ने IPH को राज्य भर में पेयजल टैंकों की नियमित सफाई सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए और कहा कि यह हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि सफाई का यह कार्य केवल एक बार नहीं, बल्कि संबंधित विभाग को यह सुनिश्चित बनाना चाहिए कि जल भंडारण टैंकों का उपयुक्त रखरखाव किया जा रहा है और इस प्रकार का अभियान वर्ष में दो बार चलाया जाना चाहिए। IPH मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए हरसंभव प्रयत्न करेगी। जलजनित रोगों से निदान के लिए अभी से कड़े कदम उठाए जाएंगे और लोगों के सहयोग से इसे हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अभियान 15 दिन तक चलेगा और प्रदेशभर में सफलतापूर्वक इसका कार्यान्वयन सुनिश्चित बनाया जाएगा। इस दिशा में किसी भी स्तर पर किसी भी प्रकार की कोताही के प्रति सख्ती से निपटा जाएगा। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि शिमला के एक जल टैंक में कुछ समय पूर्व एक छोटे लड़के के मृत पाए जाने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन अब सरकार सुनिश्चित बनाएगी कि इस प्रकार की कोई घटना न हो और जलाशयों की सफाई के लिए समय-समय पर अभियान चलाए जाएंगे।

IPH मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि राज्य में जल संरक्षण के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। यह पायलट प्रोजेक्ट होगा और इसका मसौदा तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है। सिस्टम को बढ़ाया दिया जाएगा। जनता को पेयजल और अन्य उपयोग के पानी की अलग अलग पाइप लाइन बिछाने की योजना पर काम कर रहे हैं। सीवरेज की लाइनों को पेयजल लाइनों से दूर रखा जाएगा, जिससे जल जनित बीमारियों से लोगों को बचाया जा सके।

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