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करप्शन केस में दोषी नवाज का इस्तीफा, शहबाज बन सकते हैं PAK PM….

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शहबाज शरीफ पाकिस्तान के अगले प्राइम मिनिस्टर होंगे। पाकिस्तान मीडिया के मुताबिक, पंजाब के चीफ मिनिस्टर शहबाज को नवाज की जगह दी जाएगी। हालांकि, इस बात की ऑफिशियल पुष्टि अभी नहीं हुई है। पाकिस्तान में आम चुनाव 2018 में होने हैं। बता दें कि पनामा पेपर लीक मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद पाकिस्तान के नवाज शरीफ (67) ने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में शरीफ को दोषी करार दिया है। जस्टिस आसिफ सईद खोसा की अगुआई वाली 5 जजों की बेंच ने शरीफ और उनके बच्चों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट ने शरीफ और पाक के वित्त मंत्री मोहम्मद इशाक डार को भी पद के लिए अयोग्य ठहराया। सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल अकाउंटेबिलिटी कोर्ट को 6 हफ्ते के अंदर केस रजिस्टर करने और 6 महीने में ट्रायल पूरा करने का आदेश दिया है। 3 बार पाक के PM रहे नवाज और उनके परिवार पर करप्शन और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप हैं। अवामी मुस्लिम लीग ने दाखिल की थी पिटीशन…
– 5 जजों की बेंच में जस्टिस आसिफ सईद खोसा, जस्टिस एजाज अफजल खान, जस्टिस गुलजार अहमद, जस्टिस शेख अजमद सईद और जस्टिस इजाजुल अहसान शामिल थे। शरीफ के खिलाफ यह फैसला सुप्रीम कोर्ट रूम नं. 1 में सुनाया गया।
– जस्टिस खान ने फैसले में कहा, “शरीफ को पार्लियामेंट की मेंबरशिप से डिस्क्वालिफाई किया जाता है। लिहाजा वे प्रधानमंत्री के पद पर काबिज नहीं रह सकते।”
– सुप्रीम कोर्ट ने नवाज के दोनों बेटों हसन-हुसैन और बेटी मरियम पर भी करप्शन का केस दर्ज करने का आदेश दिया है। फाइनेंस मिनिस्टर इशाक डार और कैप्टन मोहम्मद सफदर को डिस्क्वालिफाई घोषित किया गया है।
– इस केस में पिटीशन दाखिल करने वाले अवामी मुस्लिम लीग चीफ शेख राशिद, जमात-ए-इस्लामी के चीफ सिराजुल इस्लामी हक के कोर्ट में मौजूद थे। जैसे ही फैसला आया, इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने कोर्ट के बाहर जश्न मनाया।
– इमरान खान ने ट्वीट किया, “गॉडफादर की सत्ता का अंत हुआ। सच और इंसाफ की जीत हुई।”
– तनाव की आशंका देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के आसपास सिक्युरिटी कड़ी कर दी गई। इस्लामाबाद पुलिस और पंजाब रेंजर्स समेत अन्य फोर्सेज के करीब 3 हजार जवान तैनात किए गए हैं।
इंटरिमपीएम पद की रेस में ये नाम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नवाज शरीफ को पीएम पद से हटाए जाने के बाद उनके छोटे भाई और पंजाब के सीएम शहबाज शरीफ के पीएम बनने के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि, शहबाज पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के सदस्य नहीं हैं। इसके चलते उन्हें पीएम बनने के लिए चुनाव लड़ना होगा।
– मीडिया रिपोर्ट्स में पीएमएल-एन के एक लीडर के हवाले से बताया जा रहा है कि शहबाज के उप-चुनाव में पीएम चुने जाने तक 45 दिनों के लिए अंतरिम पीएम के रूप में डिफेंस मिनिस्टर ख्वाजा आसिफ, स्पीकर अयाज सादिक, बिजनेसमैन शाहिद अब्बासी के नाम रेस में हैं।
कोर्ट के आदेश के क्या मायने?
– पाकिस्तान में अगले साल यानी 2018 में आम चुनाव होने हैं। इसके पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने नवाज को करप्शन के आरोप में डिस्क्वालिफाई कर दिया।
– पाकिस्तान के इतिहास में कोई भी प्रधानमंत्री अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया। किसी प्रधानमंत्री को मिलिट्री ने बेदखल कर दिया तो किसी को ज्यूडिशियरी ने। किसी को उसकी अपनी ही पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया।
– पाकिस्तान के इतिहास में ये दूसरी बार है जब सुप्रीम कोर्ट ने किसी मौजूदा प्रधानमंत्री को डिस्क्वालिफाई किया। 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने यूसुफ रजा गिलानी को डिस्क्वालिफाई किया था।
इमरान खान की पार्टी का ट्वीट- 21 साल की लड़ाई आज कामयाब हुई
– इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीके-इंसाफ (PTI) ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्टर ट्वीट किया है, जिस पर लिखा है- “इमरान खान के 21 साल के क्रिकेट करियर में हमने आईसीसी वर्ल्ड कप जीता। इमरान खान के 21 साल के राजनीतिक करियर में हम पनामा कप जीतेंगे।”
– पीटीआई ने पोस्टर के साथ एक और कमेंट भी किया है। लिखा है- “इंसाफ के लिए 21 साल की लड़ाई आज कामयाब हुई। ये एक नई सुबह है। इमरान खान, आपके संकल्प के लिए देश आपको सलाम करता है।”
लंदन में खरीदी थीं प्रॉपर्टीज
– पनामा मामले की जांच कर रही 6 मेबर्स वाली ज्वाइंट इन्वेस्टिगेशन टीम (जेआईटी) ने अपनी फाइनल रिपोर्ट 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी थी।
– इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एजाज अफजल की अगुआई वाली में 5 जजों की बेंच ने अपना फैसला 21 जुलाई को सुरक्षित रख लिया था।
– रिपोर्ट में कहा गया है कि 1990 में पीएम के तौर पर अपने दूसरे टेन्योर में शरीफ की फैमिली ने लंदन में प्रॉपर्टीज खरीदी थीं। जेआईटी ने रिपोर्ट में इनके खिलाफ करप्शन का नया केस दायर करने की सिफारिश की है। हालांकि, शरीफ ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए जेआईटी की रिपोर्ट खारिज कर दी है।
– शरीफ फैमिली के लंदन के 4 अपार्टमेंट से जुड़ा मामला उन 8 मामलों में शामिल है जिनकी नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) ने दिसंबर 1999 में जांच शुरू की थी।
– सुप्रीम कोर्ट ने 20 अप्रैल को दिए अपने फैसले में जेआईटी से कहा था कि वह लंदन फ्लैट्स की खरीद में की गई पैसों की हेराफेरी की जांच करे।
क्या है पनामा पेपर्स लीक?
– पिछले साल ब्रिटेन से लीक हुए टैक्स डॉक्युमेंट्स बताते हैं कि कैसे दुनियाभर के 140 नेताओं और सैकड़ों सेलिब्रिटीज ने टैक्स हैवन कंट्रीज में पैसा इन्वेस्ट किया।
– इनमें नवाज शरीफ का भी नाम शामिल है। इन सेलिब्रिटीज ने शैडो कंपनियां, ट्रस्ट और कॉरपोरेशन बनाए और इनके जरिए टैक्स बचाया।
– लीक हुए डॉक्युमेंट्स खासतौर पर पनामा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड और बहामास में हुए इन्वेस्टमेंट के बारे में बताते हैं।
– सवालों के घेरे में आए लोगों ने इन देशों में इन्वेस्टमेंट इसलिए किया, क्योंकि यहां टैक्स रूल्स काफी आसान हैं और क्लाइंट की आइडेंडिटी का खुलासा नहीं किया जाता। पनामा में ऐसी 3.50 लाख से ज्यादा सीक्रेट इंटरनेशनल बिजनेस कंपनियां हैं।
नवाज और उनके परिवार पर क्या आरोप लगे?
– नवाज शरीफ के बेटों हुसैन और हसन के अलावा बेटी मरियम नवाज ने टैक्स हैवन माने जाने वाले ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में कम से कम चार कंपनियां शुरू कीं। इन कंपनियों से इन्होंने लंदन में छह बड़ी प्रॉपर्टीज खरीदी।
– शरीफ फैमिली ने इन प्रॉपर्टीज को गिरवी रखकर डॉएचे बैंक से करीब 70 करोड़ रुपए का लोन लिया। इसके अलावा, दूसरे दो अपार्टमेंट खरीदने में बैंक ऑफ स्कॉटलैंड ने उनकी मदद की।
– नवाज और उनके परिवार पर आरोप है कि इस पूरे कारोबार और खरीद-फरोख्त में अनडिक्लेयर्ड इनकम लगाई गई।
– शरीफ की विदेश में इन प्रॉपर्टीज की बात उस वक्त सामने आई जब लीक हुए पनामा पेपर्स में दिखाया गया कि उनका मैनेजमेंट शरीफ के परिवार के मालिकाना हक वाली विदेशी कंपनियां करती थीं।

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