शरद यादव ने किसान मजदूर, युवाओं और महिलाओं की समस्याओं को उठाते हुए कहा कि जब तक दलित-पिछड़ा वर्ग शासन-प्रशासन में नहीं आ जाता, तब तक समस्या का समाधान होता नहीं दिखता। समाज बंटा है इसलिए लोग लालच देते हैं और लाभ उठाते हैं। पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने लाठी रैली में चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि बाजू में जो देश है वहां एक जात है। भारतीय समाज खंड-खंड है, इसलिए पाखंड है। समाज बंटा है, उसका लाभ सब उठाते हैं और लालच देकर बहकाते हैं। लेकिन, ये सब बंद होना चाहिए। दलित, आदिवासी और वंचित समाज को एकजुट होना, पड़ेगा जागना पड़ेगा।
उन्होंने जात से जमात बनाने, एकजुट होने और वोट की ताकत को पहचानकर दलित, आदिवासियों, वंचित समाज से अपना प्रधानमंत्री, अपना मुख्यमंत्री बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि जब दलित, आदिवासी, वंचित समाज आगे आएगा तभी ये देश आगे जाएगा। उन्होंने कहा कि वे भोपाल में भजन करने नहीं आए, बल्कि पुरखों के बताये रास्ते पर चलते हुए वंचित समाज, दलित, आदिवासियों को जगाने आए हैं।
किसानों और बेरोजगारी की समस्या पर बोलते हुए शरद यादव ने कहा कि, किसान आत्महत्या करने को विवश है, युवा बेरोजगार है और महिलाएं हिंसा का शिकार हैं। इन सब समस्याओं से निपटना है, तो मेहनत करने वाले समाज को एक होना होगा। उन्होंने अफसोस जताया कि दलित, आदिवासी और वंचित समाज संख्याबल में अधिक होने के बाद भी अन्याय, जुल्म से नहीं लड़ सका, वोट की ताकत नहीं पहचान सका इसलिए उपेक्षा का शिकार है। उन्होंने कहा कि चुनाव में सच्चे को जिताना और बेईमान को हराना ही हमारे पुरखों को असल श्रद्धांजलि होगी।