Home राष्ट्रीय हीरे को 5 गुने दाम में बेचते थे नीरव मोदी!…

हीरे को 5 गुने दाम में बेचते थे नीरव मोदी!…

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जांच एजेंसी के मुताबिक, सीज किए गए सभी हीरों के असल दाम पता लगाने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए सरकार द्वारा एप्रूव एजेंसी की सर्विस ली जाएगी. तभी जब्त किए गए कुल हीरों का असल दाम पता चलेगा.इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) ये जानकर चौंक गया कि गीतांजलि ग्रुप के नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ग्राहकों को बेवकूफ बना रहे थे, क्योंकि वे निचले ग्रेड के डायमंड ज्वेलरी को 4 से 5 गुना अधिक कीमत पर बेचते थे. कई बार ‘घटिया क्वालिटी’ के हीरे का दाम 10 गुना तक वसूला जाता था. कई बार 10 हजार के हीरे को 50 हजार के प्राइस टैग के साथ बेचा जाता था. आइए जानते हैं विस्तार से

आपको बता दें कि जांच एजेंसियों ने हैदराबाद से सबसे अधिक  जब्ती की है, जिसकी कीमत 48 करोड़ बताई जाती है. इसके बाद मुंबई और सूरत से अधिक जब्ती की गई. कई जगहों पर जब्त किए सामानों का दाम 100 करोड़ पता चला, लेकिन असल दाम उसका 25 करोड़ ही था.उधर, पंजाब नेशनल बैंक के 11400 करोड़ के स्कैम मामले में नीरव मोदी के वकील ने उनका बचाव करते हुए कई आरोपों को खारिज किया है. नीरव मोदी के वकील विजय अग्रवाल ने आजतक से खास बातचीत की. विजय अग्रवाल ने साफ कहा कि इस मामले में नीरव मोदी को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है, वह अभी बिजनेस के सिलसिले में देश से बाहर गए हैं.विजय अग्रवाल ने कहा कि इस मामले का अभी तक मीडिया ट्रायल ही चल रहा है, जिस तरह आरुषि, 2जी, बोफोर्स मामले में माहौल बनाया गया. लेकिन खोदा पहाड़ और निकली चुहिया. अग्रवाल ने कहा कि इस मामले में बातों को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जा रहा है.

वकील ने मामले में चल रही अभी तक की जांच को गलत बताया और कहा कि जांच निष्पक्ष तरीके से नहीं चल रही है. जैसा कि मीडिया में दिखाया जा रहा है कि अभी तक ईडी ने 5600 करोड़ रुपए जब्त कर लिए हैं, यानी उतनी रकम तो वापिस मिल गई है. तो ये पैसे पीएनबी को क्यों नहीं दिए जाते हैं.इससे पहले आरोपी नीरव मोदी ने भी अपना पक्ष रखा था. नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक प्रबंधन को इस संबंध में एक चिट्ठी लिखी. इस चिट्ठी में नीरव ने कहा कि बैंक ने ये मामला सार्वजनिक कर बकाया वापसी के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं.नीरव ने चिट्ठी 15-16 फरवरी को लिखी. चिट्ठी में नीरव मोदी ने ये भी कहा कि उनके ऊपर बकाया रकम बढ़ाकर बताई गई है. चिट्ठी में ये भी लिखा गया है कि बकाया रकम 5000 करोड़ से कम है. उन्होंने साफ लिखा कि अब वो इसे चुकाने की स्थिति में नहीं हैं. नीरव मोदी अपने इस दावे के पीछे एक दलील भी दी थी. चिट्ठी में नीरव मोदी ने लिखा था कि ये मामला सार्वजनिक हो जाने से उनके ब्रांड को नुकसान पहुंचा, जिससे उनका बिजनेस बर्बाद हो गया है और अब वो बैंक का बकाया चुकाने में सक्षम नहीं हैं.

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