Home राष्ट्रीय नोटबंदी के बाद इन 9500 कंपनियों ने गैरकानूनी ढंग से बदली थी...

नोटबंदी के बाद इन 9500 कंपनियों ने गैरकानूनी ढंग से बदली थी पुरानी करेंसी!….

42
0
SHARE

केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने 9500 गैर-बैंकिंग क्षेत्र की ऐसी वित्तीय कंपनियों की सूची सार्वजनिक की है जिसे उसने बड़े खतरे वाली वित्तीय संस्थाओं की श्रेणी में शामिल किया है. वित्त मंत्रालय के खुफिया विभाग (फाइनेनशियल इंटेलिजेंस यूनिट) ने इन कंपनियों को हाई रिस्क कटेगरी में शामिल करते हुए कहा है कि इन कंपनियों को 31 जनवरी 2018 तक मनीलॉन्डरिंग रोधी कानून के नियमों का पालन करते नहीं पाया गया है.

गौरतलब है कि केन्द्र सरकार द्वारा नवंबर 2016 में नोटबंदी के ऐलान के बाद बड़ी संख्या में गैर-बैंकिंग कंपनियों और रूरल और अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों को गैरकानूनी तरीकों से प्रतिबंधित 500 और 1000 रुपये की करेंसी को बदलते पाया गया था. जिसके बाद इनकम टैक्स विभाग और प्रवर्तन निदेशालय ने ऐसे वित्तीय संस्थाओं को राडार पर लिया था जिन्होंने पुरानी करेंसी में पड़े कालेधन को सफेद करने का काम किया था.

वित्त मंत्रालय के मुताबिक नोटबंदी के बाद कई वित्तीय संस्थाओं और कोऑपरेटिव बैंकों को कैश पेमेंट लेकर बैक डेट में फिक्स डिपॉजिट सर्टिफिकेट और चेक जारी करते पाया था. हालांकि नोटबंदी के फैसले के बाद रिजर्व बैंक ने ऐसी संस्थाओं को इस आधार पर कैश पेमेंट लेने से मना किया था.मनीलॉन्डरिंग रोधी कानून के मुताबिक सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं को एक प्रिंसिपल ऑफिसर की नियुक्ति करनी थी. इसके साथ ही उन्हें 10 लाख रुपये और उससे अधिक के कैश डिपॉजिट की सूचना वित्त मंत्रालय के खुफिया विभाग  को देनी थी. इसके साथ ही वित्तीय संस्थाओं में प्रिंसिपल ऑफिसर को सभी ट्रांजैक्शन्स का रिकॉर्ड रखने, ग्राहकों की पहचान करने और ट्रांजैक्शन से फायदा उठाने वालों का पूरा ब्यौरा खुफिया विभाग के सुपुर्द करनी थी. इसके साथ ही सभी ऐसी संस्थाओं को अपने ग्राहकों का ब्यौरा पांच साल तक सुरक्षित रखने के लिए कहा गया था.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here