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बारिश-तूफान से गेहूं की फसल तबाह…

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ऊना: जिला में मंगलवार देर रात को भारी बारिश और तूफान ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। किसानों की तकरीबन 50 फीसदी गेहूं की फसल तबाह हो गई। गेहूं तथा सरसों की फसल अभी किसानों के खेतों में ही खड़ी ही थी, ऐसे में तेज हवाओं के साथ आई बारिश ने किसानों की छह माह की कड़ी मेहनत पर पानी फेर दिया। किसान दो सप्ताह के भीतर गेहूं की कटाई शुरू करने वाले थे।

गेहूं की फसल तेज तूफान एवं बारिश की वजह से पूरी तरह से जमीन पर ही बिछ गई, ऐसे में फसल का दोबारा खड़ा होना बेहद मुश्किल हो गया है। क्षेत्र के गांव रायपुर सहोड़ां, चढ़तगढ़, उदयपुर, नंगड़ा, खानपुर, छत्रपुर समेत अनेक गांवों में गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा उपमंडल बंगाणा, अंब क्षेत्रों में भी फसल की भारी तबाही हुई है। वहीं तेज तूफान के चलते आम की फसल को भी क्षति पहुंची है।

रायपुर सहोड़ां के किसान वासुदेव शर्मा ने कहा कि उनके खेतों की सारी गेहूं नष्ट हो गई, सरसों की फसल का भी भारी नुकसान हुआ है। पूर्व प्रधान रोशन लाल ने कहा कि गांव के ज्यादातर रकबे में खड़ी गेहूं की फसल बर्बाद हो चुकी है। किसान हरिकृष्ण, अर्जुन सिंह, गुरबचन सिंह, केसर सिंह, गिरधारी लाल, शिंगारा सिंह, कुलदीप, निर्मल सिंह, मलकीयत समेत अनेक किसानों ने कहा कि अब गेहूं की फसल पककर तैयार होने को थी।

ऐसे में मंगलवार को तेज तूफान के साथ हुई बारिश ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। पूर्व प्रधान रोशन लाल ने कहा कि हर पटवार सर्कल में पटवारियों को किसानों के फसल के नुकसान का जायजा लेकर आला अफसरों को इसकी रिपोर्ट भेजनी चाहिए। जिस तरह सेब और कीनू की फसल नष्ट होने पर उचित मुआवजे का प्रावधान राज्य सरकार करती है, उसी तर्ज पर मैदानी इलाकों में किसानों की कमाई का एक मात्र साधन गेहूं, सरसों और मक्की की फसलों के नष्ट होने पर भी किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए। ऊना सदर से मौजूदा विधायक सतपाल रायजादा ने कहा कि किसानों की मांग जायज है। सरकार को इस दिशा में संजीदगी दिखानी चाहिए।

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