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ये मामला सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया है- पुलिस हम आरोपी विधायक की अभी गिरफ्तारी नहीं करेंगे…

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उन्नाव गैंगरेप केस में लगातार प्रशासन और उसकी कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. गुरुवार को यूपी पुलिस ने इस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर न सिर्फ पूरे मामले में पुलिसिया कार्रवाई की कड़ी को सामने रखा, बल्कि अपनी भूमिका को भी स्पष्ट किया. पुलिस ने यह साफ कर दिया कि किसी भी दोषी को बचाने की कोई मंशा नहीं है. हालांकि, पुलिस ने यह भी कह कि वह अभी आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को गिरफ्तार नहीं करेगी. पुलिस ने कहा कि जब तक अदालत विधायक को दोषी साबित नहीं कर देती, तब तक वह उनकी नजर में आरोपी ही हैं. पुलिस ने साफ कर दिया कि विधायक की गिरफ्तारी सीबीआई की कार्रवाई के बाद ही होगी. यानी अब सीबीआई ही विधायक की गिरफ्तारी करेगी, यूपी पुलिस नहीं.

यूपी के गृह सचिव अरविंद कुमार ने कहा कि पुलिस ने दर्ज मामलों के आधार पर कार्रवाई की है और अब इस मामले की विवेचना के लिए सीबीआई को यह केस सौंपा जा रहा है. आगे की कार्रवाई सीबीआई गुण-दोष के आधार पर केरेगी. बता दें कि विधायक कुलदीप सेंगर के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. विधायक के खिलाफ आईपीसी की धारा 363 (अपहरण), 366 (अपहरण कर शादी के लिए दवाब डालना), 376 (बलात्‍कार), 506(धमकाना) और पॉस्‍को एक्‍ट के तहत मामला दर्ज किया है. SIT की शुरुआती रिपोर्ट के बाद कुलदीप सेंगर के ख़िलाफ़ FIR का फ़ैसला लिया गया है. इसके साथ ही मामले की जांच CBI से कराने का फ़ैसला लिया गया है.

यूपी के गृह सचिव अरविंद कुमार ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए हमने एसआईटी गठित की थी और उसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी. रिपोर्ट में कई जगहों पर लापरवाही की बात सामने आई. इतना ही नहीं, जिला चिकित्सालय के रिपोर्ट पर कारागार में लापरवाही की भी बात सामने आई थी. उन्होंने कहा कि जेल दाखिले से पहले मृतक का मेडिकल टेस्ट सही से नहीं किया गया. इसलिए जिला मेडिकल के सीएमएस, इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर प्रशांत उपाध्याय और तीन अन्य डॉक्टरों को निलंबित किया गया.

पुलिस ने जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सम्मान दे कर संबोधित किया, उसके बाद पत्रकारों की ओर से होती प्रतिक्रिया देख उन्होंने कहा कि विधायक अभी आरोपी हैं, दोषी नहीं. इसलिए हमने सम्मान दिया है. जब तक कोर्ट उन्हें दोषी नहीं करार दे देता, तब तक वह आरोपी  हैं.

गृह सचिव ने कहा कि इसमें पूरे तथ्यों के आधार पर 4 जून का मुकदमा दर्ज कर हमने इसकी विवेचना के लिए सीबीआई को भेजने का निर्णय लिया है. 3 अप्रैल की घटना भी विवेचना के लिए सीबीआई को दिया जाएगा. पीड़िता के परिवार की सुरक्षा पुलिस मुहैया कराएगी. एसआईटी अपना कार्यवाई कर रही है. विधायक के खिलाफ जो रेप का आरोप है, सीबीआई अब इस मामले की कार्रवाई करेगी और उसकी गिरफ्तारी का जिम्मा अब सीबीआई के हाथ में है. उन्होंने कहा कि आज यह यह सिफारिश भारत सरकार को भेजा जाएगा. उसके बाद सीबीआई इस मामले को अपने हाथ में लेगी.

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