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अगर कोई ग्रह बन रहा है आपके विवाह में बाधा तो करें ये उपाय…

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ज्योतिष के अनुसार माना जाता है कि व्यक्ति की वैवाहिक जिंदगी ग्रहों से प्रभावित होती है. अगर ग्रह ठीक ना हों तो शादी होने में समस्याएं आती हैं. और अगर शादी हो भी गई तो रिश्ते में समस्याएं आती रहती हैं. आइए जानते हैं वे कौन से ग्रह हैं जो आपके वैवाहिक जीवन को प्रभावित करते हैं और क्या है बचने के उपाय.

शनि-

– वैवाहिक जीवन के टूटने में सबसे बड़ी भूमिका शनि निभाता है.

– अगर शनि का सम्बन्ध विवाह भाव या इसके ग्रह से हो, तो विवाह भंग होता ही है.

– शनि अगर विवाह भंग करने का कारण हो तो इसके पीछे घर के लोग जिम्मेदार माने जाते हैं.

– अगर शनि की वजह से वैवाहिक जीवन में समस्या आ रही हो तो शिव जी को नित्य प्रातः जल चढ़ाएं.

– साथ ही हर शनिवार को लोहे के बर्तन में भरकर सरसों के तेल का दान करें.

मंगल-

– वैवाहिक जीवन में विच्छेदन के अलावा अगर मामला हिंसा तक पहुंच गया हो तो इसके पीछे मंगल होता है.

– मंगल जब वैवाहिक जीवन में समस्या देता है. तो मामला मार-पीट तक पहुंच जाता है.

– इसमें वैवाहिक सम्बन्ध, विवाह के बाद बहुत ही जल्दी भंग हो जाता है.

– इसमें मामला कोर्ट कचहरी तक भी तुरंत पहुचता है.

– अगर मंगल की वजह से समस्या आ रही हो तो मंगलवार का उपवास रखें.

– हर मंगलवार को निर्धनों को मीठी चीजों का दान करें.

– लाल रंग का प्रयोग कम से कम करें.

राहु-केतु-

– विवाह के मामलों में शक और वहम जैसी चीजों को पैदा करना राहु-केतु का काम है.

– अगर राहु-केतु विवाह संबंधों में बाधा देते हैं तो बेवजह शक पैदा होता है.

– और कभी-कभी जीवनसाथी दूसरे को छोड़कर दूर चला जाता है.

– इसमें वैवाहिक जीवन रहने के बावजूद, जीवन भर अलगाव झेलना पड़ता है.

– भगवान विष्णु की उपासना करें.

– जल में कुश डालकर स्नान करें.

– शनिवार के दिन मीठी चीजें बिलकुल न खाएं.

सूर्य-

– विवाह के मामलों में सूर्य का दुष्प्रभाव हो तो जीवनसाथी के करियर में बाधाएं आती हैं.

– या कभी-कभी अहंकार के कारण आपसी सम्बन्ध खराब हो जाते हैं.

– यहां पर बहुत सोच समझकर शांतिपूर्ण तरीके से विवाह भंग होता है.

– हालांकि शादी के काफी समय बीत जाने के बाद यहां विवाह विच्छेद होता है.

– नित्य प्रातः सूर्य को रोली मिला हुआ जल अर्पित करें.

– एक ताम्बे का छल्ला जरूर धारण करें.

– गुलाबी रंग के वस्त्र धारण करना भी शुभ परिणाम देगा

बृहस्पति-

– कुंडली में अगर बृहस्पति अच्छा हो तो विवाह की बाधाओं को समाप्त करता है.

– अगर सप्तम भाव के स्वामी पर इसकी दृष्टि हो तो विवाह की बाधा को समाप्त करता है.

– लग्न में बैठा हुआ बृहस्पति सर्वाधिक शक्तिशाली होता है. और वह समस्त बाधाओं का नाश कर देता है.

– परन्तु अगर बृहस्पति सप्तम भाव में हो तो कभी-कभी व्यक्ति अविवाहित भी रहता है.

– अगर बृहस्पति अनुकूल हो तो पीली चीजों का दान कभी न करें.

– अगर बृहस्पति खराब हो तो केले का दान करें, सर्वोत्तम होगा.

– अगर बृहस्पति के कारण विवाह ही न हो पा रहा हो तो विद्या का दान करें.

शुक्र-

– बिना शुक्र के वैवाहिक या पारिवारिक सुख मिल ही नहीं सकता.

– अगर शुक्र कमजोर हो तो वैवाहिक जीवन खराब होता है.

– अगर शुक्र पर पाप ग्रहों की दृष्टि हो, या शुक्र खराब हो तो विवाह सम्बन्ध टूट जाता है.

– अगर जरा भी अच्छा हो तो व्यक्ति को जीवन में विवाह का सुख मिल ही जाता है.

– अगर शुक्र अनुकूल हो तो शुक्र की वस्तुओं का दान कभी न करें.

– शुक्र खराब हो तो शुक्र की वस्तुओं का दान करें, और हीरा कभी भी न पहनें.

– शिव जी की उपासना जरूर करें, इससे शुक्र बलवान होता है.

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