Home राष्ट्रीय बहुमत परीक्षण से पहले ही इस्तीफा दे सकते हैं येदियुरप्पा….

बहुमत परीक्षण से पहले ही इस्तीफा दे सकते हैं येदियुरप्पा….

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बीएस येदियुरप्पा भले ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद पर विराजमान हो गए हैं, लेकिन उनकी सत्ता की कुर्सी का पाया फिलहाल लड़खड़ाता दिख रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसले के बाद येदियुरप्पा को आज ही सदन में बहुमत की अग्निपरीक्षा पास करनी है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी बहुमत के जादुई आंकड़े तक पहुंच पाने में सफल होती नजर नहीं आ रही है. ऐसी हालत में येदियुरप्पा खुद ही अपनी कुर्सी छोड़ सकते हैं.

येदियुरप्पा दे सकते हैं इस्तीफा

सूत्रों के मुताबिक अगर बीजेपी जादुई आंकड़े को नहीं छू पाती है तो येदियुरप्पा एक भावुक भाषण देकर वहां से निकल जाएंगे. इसके बाद वे इस्तीफा दे सकते हैं और बहुमत परीक्षण का सामना नहीं करेंगे. बताया जा रहा है कि 13 पन्ने का भावुक भाषण तैयार किया गया है. येदियुरप्पा सदन में भावुक भाषण पढ़कर अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं.

बीजेपी के लिए सदन में 112 विधायकों का जादुई आंकड़ा जुटा पाना एक बड़ी चुनौती है. कांग्रेस-जेडीएस ने अपने एक-एक विधायकों पर पहरा लगा रखा है और पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट की नजर है. राज्यपाल वजुभाई वाला ने येदियुरप्पा सरकार को शपथ भले ही दिला दी हो, लेकिन येदियुरप्पा की सरकार का जाना तय माना जा रहा है!

येदियुरप्पा एक बार फिर 2007 की तरह कदम उठा सकते हैं. जब उन्होंने शपथ लेने के 7 दिन के बाद बहुमत साबित न कर पाने के लिए हालत में उन्होंने सीएम के पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद उन्होंने इसे शहादत के दौर पर पेश किया. इसका नतीजा रहा कि बीजेपी एक साल के बाद जब चुनाव हुए तो 110 सीटों के साथ सत्ता में वापसी की.

बहुमत आंकड़े से दूर बीजेपी

कर्नाटक विधानसभा में 222 सीटों के लिए चुनाव हुए हैं. बहुमत के लिए 112 सीटों की जरूरत होगी. बीजेपी के 104 विधायक जीतकर आए हैं. जेडीएस के 37 और कांग्रेस के 78 विधायक और 3 अन्य दलों के विधायक जीत कर आए हैं. येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 8 अतिरिक्त विधायकों की जरूरत पड़ेगी. हालांकि जेडीएस के कुमारस्वामी दो सीटों से जीतकर विधायक बने हैं. ऐसे में उन्हें एक सीट से इस्तीफा देना पड़ेगा. ऐसी हालत में फिर 221 सीट के लिहाज से बीजेपी को बहुमत साबित करने के लिए 111 सीटों की जरूरत पड़ेगी. ऐसे में बहुमत का नंबर गेम बीजेपी के पक्ष में नहीं दिख रहा है.

कांग्रेस-जेडीएस के विधायक उम्मीद के मुताबिक नहीं टूटे

गौरतलब है कि कांग्रेस और जेडीएस बीजेपी से अपने विधायकों को बचाने के लिए हरसंभव कोशिश की है. उन्हें पिछले चार दिनों से अपनी निगरानी में रखा और बीजेपी की सेंधमारी से बचाने के लिए उन्हें हैदराबाद ले जाना पड़ा. इसके बाद भी कांग्रेस के 2 विधायक ही आज सदन में नहीं पहुंचे. इनमें आनंद सिंह और प्रताप गौड़ा पाटिल है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने उनके विधायक को अपनी कैद में रखा है.

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