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प्रदेश में लगने वाली परियोजनाओं में हिमाचल निवासियों के लिए 80 प्रतिशत रोजगार बनाया जाएगा सुनिश्चित : CM…

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प्रदेश सरकार युवाओं को राज्य में आगामी समय में स्थापित होने वाले ऊर्जा क्षेत्र, उद्योगों व पर्यटन परियोजनाओं में 80 प्रतिशत रोज़गार के अवसर सुनिश्चित करवाएगी। मुख्यमंत्री आज पर्यटन, ऊर्जा व उद्योगों में निवेश के लिए निर्धारित लक्ष्य की समीक्षा  बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विद्युत की अपार क्षमता है यदि इस सबका दोहन हो तो प्रदेश की आर्थिकी में भारी बदलाव आ सकता है। उन्होंने कहा कि विभागों को निर्धारित लक्ष्यों को समयबद्ध पूरा करने के लिए कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आगामी एक वर्ष के भीतर प्रदेश में 594 मैगावाट क्षमता की पांच जल विद्युत परियोजनाओं का कार्य पूरा होने वाला है, जिसका कार्य तीव्र गति से चल रहा है। इसके अतिरिक्त 307 मैगावाट क्षमता की 11 अन्य परियोजनाएं भी एक वर्ष के भीतर पूरी होगी, जो गत छः माह के दौरान आवंटित की गई थी।

श्री जय राम ठाकुर ने कहा कि सरकार गैर परम्परागत ऊर्जा के दोहन पर भी बल दे रही है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि हिम ऊर्जा आगामी एक वर्ष के दौरान 34.20 मैगावाट की कुल क्षमता के 19 लघु व छोटी परियोजनाओं का कार्य पूरा कर लेगी।

मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग के निवेश लक्ष्यों को पूरा करने की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश का प्रदूषणमुक्त पर्यावरण, औद्योगिक शांति, कुशल श्रमशक्ति व निर्बाध विद्युत आपूर्ति निवेशकों को निवेश के लिए पंसदीदा गंतव्य बनाती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने के लिए मौजूदा उद्योगों पर विद्युत शुल्क को लघु उद्योगों के लिए चार प्रतिशत से दो प्रतिशत तथा मध्यम उद्योगों के लिए 10 से सात प्रतिशत तक कम किया गया है।

बैठक में बताया गया कि गत एक वर्ष के दौरान प्रदेश में 895.70 करोड़ रुपये के निवेश वाली 27 औद्योगिक इकाईयों को स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है जिनसे लगभग 2600 लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। इसके अतिरिक्त आगामी एक वर्ष के दौरान प्रदेश में 350 औद्योगिक प्लॉट उद्यमियों को आवंटित करने, 5000 करोड़ रुपये का निवेश व 8000 लोगों को रोजगार क्षमता को आकर्षित करने का लक्ष्य भी रखा गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अनेक मानव निर्मित तथा प्राकृतिक झीलें हैं जिन्हें पर्यटकों के मुख्य आकर्षण के रूप में विकसित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि चमेरा जलाशय में नोकायन तथा शिकारा जैसी जल क्रीड़ाओं की संभावनाओं को तलाशा जाएगा। इसी प्रकार पौंग बांध जो न केवल पक्षी प्रेमियों का मुख्य आकर्षण का केन्द्र है को भी जल क्रीड़ाओं के इच्छुक खिलाड़ियों के लिए आकर्षक गंतव्य के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंडी जिला के पंडोह बांध को भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। इसी प्रकार लारजी, भाखड़ा बांध जैसे अन्य जलाशयों को भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के प्रयास किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में इको पर्यटन व साहसिक पर्यटन की भी अपार संभावना है। उन्होंने कहा कि रज्जुमार्ग पर्यटकों को आकर्षित करने वाला एक अन्य क्षेत्र हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अनछूए पर्यटन गंतव्यों को बढ़ावा देने पर विशेष बल देगी।

बैठक में बताया गया कि आगामी एक वर्ष के दौरान प्रदेश में चार रज्जु मार्गों को संभावित उद्यमियों को आवंटित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त धर्मशाला-मैकलोड़गंज रज्जु मार्ग का कार्य एक वर्ष के भीतर पूरा कर लिया जाएगा।

मुख्य सचिव विनीत चौधरी, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी, अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन राम सुभग सिंह, वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी संजय कुंडू, प्रधान सचिव उद्योग आर.डी. धीमान, वित्त सचिव अक्षय सूद, निदेशक पर्यटन विभाग राकेश कंवर, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डी.सी. राणा व अन्य इस अवसर पर उपस्थित थे

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