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टीम इंडिया का एक खिलाड़ी जो पड़ सकता है पूरी सीरीज पर भारी..

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टेस्ट क्रिकेट को बहुत ‘प्योर फॉर्म’ में चाहने वाले इस खिलाड़ी को पसंद नहीं करते. कोई कहता है कि वो ‘ओवर रेटेड’ हैं कोई कहता है कि वो लंबी रेस का घोड़ा नहीं है. लेकिन स्थितियां ऐसी हैं कि अगर वो खिलाड़ी चल गया तो इस सीरीज में टीम इंडिया का रूतबा अलग ही दिखाई देगा. वो खिलाड़ी हैं हार्दिक पांड्या.भूलना नहीं चाहिए कि हार्दिक पांड्या को करियर की शुरूआत के कुछ दिन बाद से ही टीम इंडिया के बेहतरीन ऑलराउंडर के तौर पर देखा गया है. भारतीय क्रिकेट इतिहास के महानतम ऑलराउंडर कपिल देव तक हार्दिक पांड्या की तारीफ कर चुके हैं. हार्दिक पांड्या के टीम में आने के बाद लंबे समय से एक ‘जेनुइन’ ऑलराउंडर की तलाश के खत्म होने की बात भी कही गई है.

दरअसल, टीम इंडिया में ऐसे ऑलराउंडर तो समय समय पर आते रहे जो स्पिन गेंदबाजी करते थे और बल्ले से भी अच्छा प्रदर्शन करते थे लेकिन ऐसा ऑलराउंडर नहीं आया जो तेज गेंदबाजी करता हो और बल्लेबाजी में भी योगदान करता हो. हार्दिक पांड्या की यही खूबी उन्हें खास बनाती है. उनसे पहले इरफान पठान कुछ हद तक इस रोल में खरे उतरते थे. फर्क ये है कि उन्होंने अपने करियर की शुरूआत बतौर तेज गेंदबाज की थी और बाद में अच्छी बल्लेबाजी भी करने लगे जबकि हार्दिक पांड्या को पहले दिन से दोनों खूबियों की बदौलत टीम में शामिल किया गया था.हार्दिक पांड्या को प्लेइंग 11 में शामिल करने का मतलब है कि वो तीसरे तेज गेंदबाज की भूमिका निभाएंगे. हार्दिक पांड्या 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के आस पास गेंदबाजी करते हैं. पिच से कैसे मदद लेनी है इस बात का अंदाजा उन्हें अच्छी तरह है. उनकी किस्मत इसलिए भी चमकती दिख रही है क्योंकि पिछले दो तीन दिनों से इंग्लैंड में बारिश हुई है. बारिश का मतलब साफ है कि पिच में नमी होगी. ऐसी विकेट पर हार्दिक पांड्या अपनी टीम के लिए ‘क्रूशियल रोल’ निभा सकते हैं.

हार्दिक पांड्या की गेंदबाज़ी इंग्लैंड में टीम इंडिया के लिए प्लस पॉइंट साबित हो सकती है. हार्दिक की रफ़्तार 140 किलोमीटर प्रति घंटे के आसपास रहती है. इसके साथ ही साथ उनकी गेंद सीम भी होती है. इस लिहाज़ से अगर वो इंग्लैंड की पिचों पर लेंग्थ को थोडा आगे रखते हैं तो इंग्लिश बल्लेबाज़ों को खासी दिक्कत होगी. साथ ही साथ इन पिचों पर पांड्या का बाउंसर भी बेहद घातक साबित हो सकता है.टेस्ट क्रिकेट में उन्हें अब एक साल का तजुर्बा हो चुका है. वो समझ चुके हैं कि विराट कोहली को उनसे किस बात की उम्मीद है. अब तक खेले गए 7 टेस्ट मैचों में हार्दिक पांड्या का प्रदर्शन उनके डबल रोल को दिखाता भी है. याद कीजिए दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन टेस्ट में हार्दिक पांड्या का प्रदर्शन. पहली पारी में दक्षिण अफ्रीका के 286 रनों के जवाब में भारतीय टीम 92 रन पर 7 विकेट गंवा चुकी थी. इसके बाद हार्दिक पांड्या ने ताबड़तोड़ 93 रन बनाए. जिसकी बदौलत भारतीय टीम ने दो सौ रनों का आंकड़ा पार किया था.

हार्दिक पांड्या ने अब तक खेले गए 7 टेस्ट मैचों में 368 रन बनाए हैं. उनकी औसत 36.8 की है. इसमें 1 शतक और 3 अर्धशतक शामिल है. 7 टेस्ट मैचों में हार्दिक पांड्या के खाते में 7 विकेट भी हैं. उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 27 रन देकर 2 विकेट है. भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह के शुरूआती टेस्ट मैचों में ना खेलने की वजह से हार्दिक पांड्या का रोल और भी बढ़ जाता है.हार्दिक पांड्या टेस्ट क्रिकेट में तेजी से रन बटोरते हैं. जिसकी वजह से विरोधी टीम पर लगातार दबाव बना रहता है. 85 से ज्यादा की उनकी स्ट्राइक इस बात को साबित करती है. तेज स्ट्राइक रेट अगर हार्दिक पांड्या की ताकत है तो उसी पर उनका इम्तिहान भी है. टेस्ट क्रिकेट में अक्सर ऐसी सूरत आती है जब बल्लेबाज को क्रीज पर टिककर सिर्फ वक्त बिताना होता है. हार्दिक पांड्या की इसी काबिलियत पर अक्सर सवाल उठते हैं. कहा जाता है कि क्रीज पर टिक कर खेलना उनके ‘टेंपरामेंट’ में नहीं है.

ये बात सच भी है. टेस्ट क्रिकेट में जब स्लिप और क्लोज इन फील्डर्स आस पास खड़े हो जाते हैं तो विकेट बचाने के लिए सही तकनीक का होना जरूरी है. हार्दिक पांड्या को ये साबित करना होगा कि जरूरत पड़ने पर वो क्रीज पर वक्त भी बिता सकते हैं. अगर उन्होंने गेंदबाजी में 3-4 विकेट लेने के साथ साथ 30-35 रन भी बना दिए तो उनका चयन सही साबित होगा. लगे हाथ ये भी जान लीजिए कि इंग्लैंड की टीम में यही रोल बेन स्टोक्स का होगा.

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