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CM जयराम ठाकुर ने कहा रोहतांग सुरंग का नामकरण पूर्व PM अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से होगा…

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रोहतांग सुरंग का नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से होगा। इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि लाहौल-स्पीति के लोगों की परेशानियों को कम करने और पर्यटन को बढ़ावे के लिए पहली बार वाजपेयी के मन में 1998 में रोहतांग सुरंग बनाने का विचार आया था। यह दुखद है कि अब जब यह सुरंग बनकर तैयार हो गई है तो उनका देहांत हो गया है।

वह इसे नहीं देख पा रहे हैं, मगर इससे उनका हमेशा के लिए नाम जुडे़गा।  मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि वाजपेयी एक महान राजनेता और दूरदर्शी थे, जिनका देहावसान राष्ट्र के लिए एक महान क्षति है। मुख्यमंत्री ने कहा कि साल के अधिकांश समय शेष विश्व से कटी रहने वाली दुर्गम लाहौल घाटी के लिए रोहतांग

सुरंग के निर्माण का विचार वाजपेयी ने दो दशक पहले हिमाचल में किया था जो आज कार्यरूप में है। उन्होंने इस परियोजना के निर्माण की घोषणा तीन जून, 2000 को की थी। यह राज्य के लिए वाजपेयी का सबसे बड़ा उपहार होगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के दुखद निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि वाजपेयी एक महान राजनेता और दूरदर्शी नेता थे, जिनका देहावसान राष्ट्र के लिए एक महान क्षति है। मुख्यमंत्री ने कहा कि साल के अधिकांश समय शेष विश्व से कटी रहने वाली दुर्गम लाहौल घाटी के लिए रोहतांग सुरंग के निर्माण का विचार 1998 में वाजपेयी जी के मन में आया था। उन्होंने इस परियोजना के निर्माण की घोषणा तीन जून 2000 को की थी।

उन्होंने कहा कि यह परियोजना पूरी होने वाली है और यह राज्य के लिए वाजपेयी जी का सबसे बड़ा उपहार होगा। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार ने ही वर्ष 2003 में हिमाचल प्रदेश के लिये औद्योगिक विकास के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की थी।उन्होंने कहा कि इससे राज्य में हजारों करोड़ रुपये का औद्योगिक निवेश हुआ और राज्य के लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए। जयराम ठाकुर ने कहा कि विश्व का सबसे बड़ा शिक्षा कार्यक्रम सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत भी उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान की गई।

उन्होंने कहा कि कार्यक्रम की शुरुआत इस राजनेता की मजबूत इच्छाशक्ति की उपज थी। भारत के पांच लाख गांवों को बारहमासी शहरों के साथ जोड़ने के लक्ष्य को लेकर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना विशेषकर हिमाचल जैसे पर्वतीय राज्यों के लिए वरदान सिद्ध हुई है।अटल बिहारी वाजपेयी का हिमाचल प्रदेश से बहुत गहरा लगाव था। उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए हिमाचल को कई अहम तोहफे दिए। इनमें राज्य की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए यहां निवेश बढ़ाने को उद्योगों को दिया गया औद्योगिक पैकेज प्रमुख रहा।

इसके बाद राज्य में उद्योगों को बिजली शुल्क समेत कई करों में छूट दी गई, जिससे औद्योगिक विस्तार हुआ। इनके अतिरिक्त सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने के अलावा रोहतांग सुरंग, कोल डैम, पार्वती बिजली प्रोजेक्ट जैसी कई योजनाएं भी अटल बिहारी वाजपेयी की देन है। वर्ष 2002 में सोलन दौरे पर आए पूर्व प्रधानमंत्री के समक्ष हिमाचल प्रदेश को औद्योगिक पैकेज देने की मांग उठी थी और वर्ष 2003 में हिमाचल प्रदेश को यह विशेष पैकेज मिला था, जिसके बूते पर प्रदेश ने औद्योगिक विकास की नई इबारत लिखी गई।

तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी ने सूबे को औद्योगिक पैकेज और अरबों रुपये की स्पेशल ग्रांट देकर इस पहाड़ी राज्य के विकास की गाड़ी के पहिये को आगे बढ़ाया। इससे प्रदेश से उद्योगों का पलायन रुका और यहां नए उद्योग स्थापित हुए।पूंजी निवेश सब्सिडी, केंद्रीय आबकारी शुल्क में छूट, बिजली शुल्क में छूट जैसे कई प्रावधान हिमाचल के लिए विशेष श्रेणी राज्य होने के नाते किए गए। औद्योगिक पैकेज के कुछ लाभ आज भी उद्योगपतियों को मिल रहे हैं। औद्योगिक पैकेज के चलते सोलन के बद्दी, बरोटीवाला के अलावा सिरमौर और ऊना जिले में स्थापित कई उद्योगों में प्रदेश के लाखों युवाओं को रोजगार मिला है।

पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के प्रयासों से ही रोहतांग टनल के जरिये आधे साल तक कटी रहने वाली लाहुल स्पीति घाटी आज प्रदेश और देश से जुड़ पाई है। उन्होंने प्रदेशवासियों को न केवल रोहतांग टनल बल्कि कौल डैम और पार्वती परियोजना समेत अरबों रुपये की सौगात दी है। अटल बिहारी वाजपेयी की सोच मानी जाने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ने हिमाचल में भी सड़कों के जाल बिछाए। ग्रामीण क्षेत्रों की ज्यादातर सड़कें इसी योजना में बनी हैं। अटल की सोच मानी जाने वाली दूसरी अंत्योदय योजना में भी हिमाचल के गरीब-गुरबों को मुख्यधारा में लाने के प्रयास हुए।

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