बिल गेट्स ने अपनी सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन के शेयर्स दान कर दिए हैं। साल 2000 के बाद से गेट्स ने माइक्रोसॉफ्ट के शेयरों का सबसे बड़ा दान है।
गेट्स ने दान के अधिकतर पैसे अपने बिल ऐंड मेलिंडा फाउंडेशन को ही दिए। बिल ऐंड मेलिंडा फाउंडेशन की स्थापना गेट्स दंपती ने अपने नाम पर की थी ताकि अपने परोपकारी कार्यों को अंजाम दे सकें।
दुनिया की सबसे अमीर हस्ती बिल गेट्स ने समाज की भलाई के लिए लगभग 30 हजार करोड़ रुपये दान कर दिए हैं। यह उऩकी कुल संपत्ति का लगभग 5 प्रतिशत हिस्सा है। उन्होंने अपनी सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन के शेयर्स दान कर दिए हैं। साल 2000 के बाद से गेट्स ने माइक्रोसॉफ्ट के शेयरों का सबसे बड़ा दान है। उस साल उन्होंने करीब 1 लाख करोड़ रुपये के शेयर दान किए थे। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमिशन की ओर से जारी प्रेस रिलीज से इसकी जानकारी मिली है।
रेग्युलेटरी फाइलिंग के मुताबिक, गेट्स ने 6 जून 2017 को 6.4 करोड़ माइक्रोसॉफ्ट शेयर्स दान किए हैं। यह दान साल 2000 में उनके माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ का पद छोड़ने और बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन बनाने के बाद का सबसे बड़ा डोनेशन है। हालांकि, इससे यह पता नहीं चल पाया है कि गेट्स ने यह दान किसे दिया है, लेकिन इतना पता है कि उन्होंने ज्यादातर दान अपने बिल ऐंड मेलिंडा फाउंडेशन को ही दिए। बिल ऐंड मिलिंडा फाउंडेशन की स्थापना गेट्स दंपती ने अपने नाम पर की थी ताकि अपने परोपकारी कार्यों को अंजाम दे सकें।
हैरानी की बात तो यह है कि इतना दान देने के बाद भी बिल गेट्स दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बने हुए हैं। ब्लूमबर्ग की अरबपतियों वाली लिस्ट में इनकी संपत्ति 86.1 अरब डॉलर आंकी गई है। पिछले महीने ही कुछ देर के लिए ऐमजॉन के जेफ बेजोस उनसे आगे निकल गए थे जब कंपनी शेयर ने जबर्दस्त तेजी पकड़ ली और बेजोस की संपत्ति 30 प्रतिशत बढ़ गई। जिस वक्त बिल गेट्स ने अपने शेयर्स दान किए थे तब वह दुनिया में अमीरों की लिस्ट में टॉप पर थे, लेकिन जुलाई में ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस ने उन्हें पीछे कर दिया था।
हाल के सालों में गेट्स और मिलिंडा फाउंडेशन खासतौर से पब्लिक हेल्थ को सुधान के लिए दवाओं को बनाने और उनको बांटने पर फोक्स कर रही है। गेट्स ने एक ब्लॉग पोस्ट में मॉस्किटो नेट प्रोग्राम का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि मॉस्किटो वार उनके फाउंडेशन के कैंपेन का हिस्सा है जो मलेरिया से निपटने के लिए है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस डोनेशन के साथ गेट्स की माइक्रोसॉफ्ट में हिस्सेदारी 1.3 फीसदी रह गई है जो 1996 में 24 फीसदी थी। द वर्ज ऑबजर्वस के मुताबिक, गेट्स करीब 8 करोड़ प्रति वर्ष की दर से अपने शेयर्स बेच रहे हैं। अगर यह स्पीड ऐसी ही रही तो 2019 तक उनकी शेयर होल्डिंग खत्म हो जाएगी।
2010 में गेट्स और वॉरेन बफे ने मिलकर ‘गिविंग प्लेज’ नाम से एक मुहिम चलाई थी। इस मुहिम के अंतर्गत दोनों उद्योगपतियों ने अपनी आधी संपत्ति समाज के भले के लिए दान करने की शपथ ली थी। उन्होंने दुनिया के बाकी अरबपतियों से भी इसमें जुड़ने के लिए कहा था। उनकी पहल का इतना असर हुआ था कि फेसबुक से संस्थापक मार्क जुकरबर्ग, माइकल ब्लूमबर्ग समेत दुनिया के 170 अरबपतियों ने इसमें हिस्सा लेने की बात कही थी।