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बाबूलाल गौर बताते हैं कि अटलजी का भोपाल से गहरा नाता रहा भोपाल शहर से भी अटलजी की यादें जुड़ी हैं..

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भोपाल। भारत रत्न और तीन बार प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार शाम 5.05 बजे निधन हो गया। वे 93 वर्ष के थे। दो महीने से एम्स में भर्ती थे। भोपाल शहर से भी अटलजी की यादें जुड़ी हुई हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर बताते हैं कि अटलजी का भोपाल से गहरा नाता रहा है। वर्ष 1973-74 में अटलजी जब भोपाल आते थे तो उनके बरखेड़ी स्थित घर में रुकते थे। अटलजी को गौर अपनी साइकिल पर पीछे बैठाकर बड़े तालाब नहाने के लिए ले जाया करते थे।

बाबूलाल गौर उम्र में अटलजी से उम्र में करीब चार साल छोटे हैं। गौर ने बताया कि अटलजी उस समय बस और ट्रेन से अकेले ही दौरे करते थे। उनके बैग में दो-तीन जोड़ी कुरता और धौती रहती थीं। एक जोड़ी कपड़े वह तीन-चार दिन पहने रहते थे। जब भोपाल आते तो मैं उन्हें नहलाने और कपड़े धुलवाने के लिए अपनी साइकिल से लेकर बड़े तालाब जाता था। यहां शीतल दास की बगिया में पहले वो कपड़े धौते और जब सूख जाते तो नहाते थे। इसके बाद वही कपड़े पहनकर वापस आ घर आ जाते। गौर कहते हैं कि आधे रास्ते वो साइकिल चलाते और आधे रास्ते अटलजी साइकिल चलाते थे।

अटलजी के कई पारिवारिक लोग भी भोपाल में रहते हैं। ऐसे ही उनके एक रिश्तेदार लक्ष्मी टॉकीज के पास रहते थे। यहां से उनके लिए अक्सर टिफिन जाता था। अटलजी अपने इन रिश्तेदार के पास संदेश भेज देते थे कि उन्हें क्या खाना है। इसके बाद उन्हें उनका पसंदीदा भोजन बनाकर भिजवा दिया जाता था।

अटलजी की एक ऐसे ही रिश्तेदार रायसेन में रहते हैं। अटलजी चुनाव रैली के समय वहां पहुंचे। उन्होंने अपने रिश्तेदार का नाम लेकर पनौछा की सब्जी खाने की फरमाइश की और रायसेन में रहने वाले अपने रिश्तेदार के घर से बनवाकर लाने के लिए पार्टी के लोगों से कहा। रिश्तेदार के परिचित अटलजी के घर पहुंचे और उन्हें अटलजी की फरमाइश बताई। और भोजन सहित रिश्तेदार को लेकर रेस्ट हाउस पहुंचे और अटलजी को भोजन कराया।

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