Home हिमाचल प्रदेश पूर्व मंत्री को रिकवरी नोटिस देने वाले अफसरों पर बैठा दी जांच…

पूर्व मंत्री को रिकवरी नोटिस देने वाले अफसरों पर बैठा दी जांच…

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सरकारी खर्च पर करीब 12 साल पहले तीन देशों की यात्रा पर गए पूर्व मंत्री सिंघी राम को रिकवरी नोटिस देना एचपीएमसी के अफसरों को महंगा पड़ गया है। सरकार ने इस नोटिस पर रोक लगाकर एचपीएमसी अधिकारियों के रिकवरी दावे पर ही जांच बैठा दी है।पूर्व बागवानी मंत्री को एचपीएमसी के एमडी ने 76 हजार और जीएम ने 3,64,965 रुपये का रिकवरी नोटिस दिया था। मामला मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के पास पहुंचने पर इस पर जांच शुरू हो गई है।

अब पहले यह छानबीन होगी कि अधिकारियों ने किस आधार पर अलग -अलग दावे किए हैं। उसके बाद यह तय होगा कि कितनी रिकवरी की जानी है। सिंघी राम बतौर बागवानी मंत्री 8 से 19 अक्तूबर 2005 के बीच तीन देशों जर्मनी, इटली और दुबई के दौरे पर गए थे।एचपीएमसी के चेयरमैन होने के नाते उन्होंने इसी एजेंसी का पैसा विदेश दौरे पर खर्च किया। आरोप हैं कि सिंघी राम ने इसके लिए सरकारी मंजूरी की प्रक्रिया पूरी नहीं की। ऐसे में यह निजी दौरा माना गया।

26 अप्रैल 2018 को एचपीएमसी के तत्कालीन एमडी ने 76,990 रुपये रिकवर करने को नोटिस दिया था। इसमें कहा गया था कि यह दौरा नियमित कर दिया गया है। इसके बाद 26 अप्रैल 2018 को एचपीएमसी के जीएम ने 3,64,965 रुपये रिकवर करने को नोटिस दिया है। इस बारे में विधानसभा सचिवालय को भी पत्र भेजा गया कि यह धनराशि उनकी पेंशन से रिकवर की जाए। इस पर सिंघी राम ने मुख्यमंत्री और बागवानी मंत्री को पत्र भेजा, जिसमें कहा कि रिकवरी के नोटिस विरोधाभासी हैं।

विदेश दौरे की मंजूरी देना संबंधित सचिव से संबंधित मामला है, उनसे नहीं। इसलिए एमडी और जीएम के विरोधाभासी दावे और रिकवरी के पहलुओं पर जांच बैठाई जाए। पूर्व बागवानी मंत्री सिंघी राम ने कहा है कि वह मंत्री और एचपीएमसी चेयरमैन की हैसियत से विदेश गए थे। यह निजी दौरा नहीं था। पिछली धूमल सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही उनकी राजनीतिक प्रताड़ना हो रही है और उन्हें सॉफ्ट टारगेट बनाया जा रहा है।
उन्होंने जयराम सरकार से अनुरोध किया है कि मामले की वस्तुस्थिति को समझा जाए। विडंबना देखिए कि पहले 76,990 रुपये की रिकवरी करने की बात हुई। उसके बाद अब 3,64,965 रुपये रिकवर करने का मुझे जीएम का पत्र मिला है। अगर फिजूल की रिकवरी की गई तो कोर्ट जाएंगे।

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