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सहकारिता से अंत्योदय : एक सफल नवाचार…

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मध्यप्रदेश में सहकारिता की गतिविधियों ने आन्दोलन का रूख अख्तियार कर लिया है। सहकारिता से अन्त्योदय के नवाचार से ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था में तेजी से सुधार दिखाई देने लगा है। नवाचार के जरिये प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न क्षेत्र में 400 से अधिक सहकारी समितियों का गठन किया जा चुका है। झाबुआ और इसके आस-पास के जिलों में पाई जाने वाली कड़कनाथ मुर्गा की विशेष प्रजाति के पालन और विपणन के लिए कड़कनाथ सहकारी समितियाँ गठित की गई हैं। इन समितियों की व्यवसायिक सफलता ने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान स्थापित की है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कड़कनाथ सहकारी समिति के सदस्यों की पहल की सराहना की है।

सहकारिता से अंत्योदय के इस प्रयास में क्षेत्र विशेष के स्थानीय परिवेश और संसाधनों को ध्यान में रख कर सहकारी समितियों का गठन किया जा रहा है। पर्यटन के क्षेत्र में 33, ई-रिक्शा आटो परिवहन के क्षेत्र में 15, परिवहन के क्षेत्र में 20, सेवा प्रदाता के क्षेत्र में 31, जैविक कृषि के क्षेत्र में 47, रहवासी क्षेत्र में 100, श्रम ठेका क्षेत्र में 56, सामाजिक वानिकी एवं उद्यानिकी क्षेत्र में 31, कड़कनाथ मुर्गी पालन की 52, महिला गृह उद्योग के क्षेत्र में 3, सुरक्षा और भंडारण के क्षेत्र में दो-दो तथा गणवेश एवं कम्प्यूटर-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक-एक समिति पंजीकृत की गई हैं। नव-गठित सहकारी समितियों द्वारा सफलतापूर्वक कार्य किया जा रहा है।

सहकारिता से अंत्योदय योजना में राज्य स्तर पर नवाचार प्रकोष्ठ गठित किया गया है। प्रकोष्ठ लगातार समितियों के गठन, संचालन में सहयोग और वित्तीय व्यवस्था संबंधी मार्गदर्शन देता है। योजना की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा प्रमुख सचिव सहकारिता खुद करते हैं।

नवाचारी प्रयासों के अंतर्गत प्रदेश स्तरीय हेल्थ केयर सहकारी समिति, प्रदेश स्तरीय इंजीनियर्स श्रम निर्माण सहकारी समिति, रूद्र सर्प विष विकर्षण एवं अनुसंधान सहकारी समिति और मध्यप्रदेश जन औषधि उत्पादन एवं विपणन संघ का पंजीयन किया जा चुका है।

सहकारिता विभाग द्वारा सभी प्रकार की जन-औषधियाँ और ब्रॉण्डेड दवाइयों को रियायती दर पर उपलब्ध करवाने के लिये राज्य सहकारी जन-औषधि विपणन संघ का पंजीयन किया गया है। प्रधानमंत्री जन-औषधि परियोजना में जनता को रियायती दरों पर जन-औषधि उपलब्ध कराने की योजना के लिए संघ का गठन किया गया है। राज्य सहकारी जन-औषधि विपणन संघ मर्यादित के रूप में संचालित होगा।

सभी जिले एवं विकासखण्ड स्तर पर जन-औषधि केन्द्रों का संचालन किया जायेगा। संघ का उद्देश्य सभी प्रकार की औषधियों का न्यूनतम मूल्य पर रोगियों को सीधे लाभ दिलाना तथा इलाज को न्यूनतम मूल्य पर सुनिश्चित कराना होगा। संघ विश्व-स्तरीय मानक की दवाई कम्पनियों का चयन कर उनकी दवाइयों को रियायती दर पर विक्रय करवाने की व्यवस्था करेगा। ऑनलाइन डिजिटल मार्केटिंग द्वारा सभी औषधियों के विक्रय का प्रावधान होगा। संघ के माध्यम से यह व्यवस्था भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर से प्रारंभ की जा रही है, जो बाद में पूरे प्रदेश में की जायेगी। संघ द्वारा विभिन्न रोगियों को चिकित्सा जाँच उपलब्ध कराने के लिये आधुनिक पैथालॉजी और चिकित्सालय की व्यवस्था की जायेगी। जन-औषधि केन्द्र पैथालॉजी का संचालन कर लोगों कों रोजगार के अवसर प्रदान करेगा।

सहकारी समितियों के अमले को प्रशिक्षित करने की भी पहल की गई है। राज्य सहकारी संघ प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में प्रशिक्षण देने वाली पहली सहकारी संस्था है। संस्था द्वारा प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से वित्तीय सहायता प्राप्त कर सहकारी क्षेत्र में कौशल उन्नयन का कार्य किया जा रहा है। नेशनल स्किल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन से प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की आरपीएल स्कीम में राज्य सहकारी संघ द्वारा रिटेल सेक्टर में कार्यरत 2000 सहकारी कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है और 3000 को प्रशिक्षण देने के लिये प्रशिक्षण सत्र आयोजित किये जा रहे हैं।

 

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