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बसपा ने जो सीटें मांगी उसका समीकरण समझ में नहीं आया, सपा से बातचीत जारी: कमलनाथ….

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भोपाल. विधानसभा चुनाव के लिए बसपा-कांग्रेस गठबंधन नहीं हो पाने पर मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भोपाल में पत्रकारों से कहा कि बसपा ने जो सीटें मांगी, उसका समीकरण समझ में नहीं आया। गठबंधन टूटने के लिए दिग्विजय सिंह को दोषी ठहराना उचित नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि राज्य में अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने का बसपा का निर्णय कोई झटका नहीं है। वहीं, उन्होंने कहा कि सपा के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत जारी है।

बसपा सुप्रीमों मायावती ने गठबंधन न होने का ठीकरा दिग्विजय सिंह के सिर फोड़ा था। उन्होंने उन्हें भाजपा का एजेंट भी कहा था। कमलनाथ ने कहा बसपा के छोटे कार्यकर्ता भी इसके प्रभाव को समझेंगे और जानेंगे कि उन्हें किस विकल्प को चुनना है। बहुजन समाज पार्टी वो सीटें मांग रही थी, जहां उसका वोट बैंक महज 6 फीसद है। ऐसी सीटें बीएसपी को देने से कांग्रेस का बड़ा नुक़सान होता और इसका सीधा फायदा भाजपा को मिलता। ऐसी करीब 50 सीटों पर दोनों दलों के बीच गतिरोध बना हुआ था।

अभी समाजवादी पार्टी से गठबंधन की उम्मीद बरकरार है। दोनों दलों के बीच बातचीत जारी है। गठबंधन के लिए कांग्रेस के दरवाज़े खुले हुए हैं। पार्टी की अब भी यही कोशिश है कि भाजपा के ख़िलाफ पड़ने वाले वोट बंटें नहीं। इसलिए कोशिश है कि समान विचारधारा वाली पार्टियां एक साथ आएं। अभी समाजवादी पार्टी से गठबंधन का प्रयास जारी है। दोनों दलों के बीच चर्चा चल रही है। वो दिग्विजय सिंह से पूछेंगे कि उन्होंने ऐसा क्या कहा था।

कमलनाथ ने कहा कि ये उनके मुख्यमंत्री बनने का सवाल नहीं है, बल्कि कांग्रेस की सत्ता में वापसी की बात है। कमलनाथ ने कहा, हम उनको उतनी सीटें नहीं दे सकते थे जिनकी उन्होंने मांगी थी, जिससे बीजेपी को आसानी से जीतने में मदद मिले। हम नहीं चाहते थे कि भाजपा के खिलाफ वोटों का बंटवारा हो।

बुधवार को भी कमलनाथ ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि उन्हें नहीं पता कि उन्होंने क्यों बातचीत तोड़ दी। मायावती के बयान के बाद कमलनाथ ने कहा कि कल तक सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों दलों के बीच बात चल रही थी। लेकिन अब मायावती ने इनकार कर दिया है तो बसपा के साथ गठबंधन की कोई संभावना नहीं है। मायावती ने बुधवार को मध्य प्रदेश में कांग्रेस से गठबंधन नहीं करने का फैसला लिया था। उन्होंने दिग्विजय सिंह पर हमला बोलते हुए, उन्हें भाजपा का एजेंट बता डाला था।

 

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