Home धर्म/ज्योतिष सूर्य ग्रहण और अमावस्या का बन रहा है विशेष योग….

सूर्य ग्रहण और अमावस्या का बन रहा है विशेष योग….

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आज रात 9:16 बजे से शुरू हो रहा है सूर्य ग्रहण. सुबह 2:34 मिनट पर होगा समाप्त. जानिये सूर्य ग्रहण के बाद क्या करना चाहिए, जिससे ग्रहण का प्रभाव खत्म हो सके.

शास्त्रों के अनुसार ग्रहण का मोक्षकाल समाप्त होने के बाद स्नान आदि कर स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए. इसके बाद श्राद्ध व तर्पण कार्य भी किए जा सकते हैं. अमास्या का दिन क्योंकि विशेष रूप से पितरों के कार्य के लिए होता है. इसलिए पितरों की शान्ति से संबन्धित कार्य भी इसके बाद किये जा सकते हैं.

इस बार एक ही दिन सोमवती अमावस्या और सूर्य ग्रहण होने का दुर्लभ महायोग बन रहा है. मान्यता है कि अमावस्या सोमवार को हो और उस दिन सूर्य और चंद्रमा पृथ्वी के एक ही सीध में हों तो बहुत ही शुभ योग होता है. कहा जाता है कि पांडव पूरे जीवन में सोमवती अमावस्या के लिए तरसते रहे लेकिन कभी उनके जीवन में सोमवती अमावस्या नहीं आई. इस दिन नदियों, तालाबों, तीर्थों में स्नान और दान आदि का विशेष महत्व होता है.

ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करना चाहिए और शिव पार्वती का पूजन करना चाहिए. अमावस्या के दिन तुलसी पूजा का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस दिन वृक्षों के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए. लेकिन, ध्यान रहे कि आज सूर्य ग्रहण भी है और 12 बजे से सूतक लग चुका है, इसलिए भगवान को ना छूएं. आप इस दौरान मंत्रों का जाप कर सकते हैं.

सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद कुछ काम जरूर करना चाहिए, ताकि उसका प्रभाव खत्म हो सके.

ग्रहण खत्म होने के बाद ये करें

– ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें और अन्न, वस्त्र, धनादि का दान करें.

– ग्रहण के पहने गए कपड़ों को भी दान कर दें.

– ग्रहण काल में मंत्र जाप व चिंतन के कार्य करने का विधान है. इसलिए ग्रहण का मोक्ष काल समाप्त होते ही भगवान के दर्शन करना विशेष शुभ फल देता है.

– सूर्य ग्रहण के बाद मंदिर की सफाई करें और भगवान को नये कपड़े पहनाएं

– सूर्य ग्रहण के बाद तुलसी और शमी पर भी गंगाजल छिड़क इन्हें शुद्ध किया जाता है.

– ग्रहण के बाद पूरे घर में गंगा जल छिड़कें.

– सूर्य ग्रहण समय में अगर कोई व्यक्ति तीर्थ यात्राओं पर है, तो उसे ग्रहण समाप्त होने के बाद करीब के तीर्थ स्थल पर जाकर स्नान अवश्य करना चाहिए.

– सूर्य ग्रहण काल खत्म होने के बाद गरीबों को अनाज और अपनी श्रद्धा के अनुसार कपड़े आदि दान दें.

– सूर्य ग्रहण की अंत की अवधि में श्राद्ध और दान कार्य करना कल्याणकारी होता है.

सूर्य ग्रहण काल में इस मंत्र का जाप करें…

सामान्यत: ग्रहण काल की अवधि में किसी भी मंत्र का जाप करना शुभ रहता है. या फिर सूर्य ग्रहण में सूर्य के मंत्र का जाप किया जा सकता है. सभी कष्टों को दूर करने वाले मंत्र “महामृ्त्युंजय ” मंत्र का जाप भी जाप करने वाले व्यक्ति को लाभ देगा. इस अवधि में सूर्य उपासना विशेष रुप से की ही जाती है.

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