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साहित्य आज तक 2018: इस साल और भी बड़ा, और भी भव्य…

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साहित्य आज तक’ फिर लौट आया है. इसके साथ ही नवंबर के मध्य में राजधानी में फिर से सज रहा है साहित्य के सितारों का महाकुंभ. तीन दिनों के इस जलसे में हर दिन साहित्य और कलाप्रेमी देख और सुन सकेंगे शब्द, कला, कविता, संगीत, नाटक, सियासत और संस्कृति से जुड़ी उन हस्तियों को, जिन्हें उन्होंने अब तक केवल पढ़ा है, या परदे पर देखा है. खास बात यह कि आने वाले हर साल के साथ साहित्य का यह जलसा अपने पिछले आयोजनों की तुलना में ज्यादा बड़ा और ज्यादा भव्य होता जा रहा है. ‘साहित्य आज तक’ दूसरे साहित्यिक आयोजनों से अलग अपनी एक विशिष्ट पहचान रखता है. हिंदी समाचार चैनल ‘आजतक’  की ओर से आयोजित साहित्य के इस महाकुंभ का यह तीसरा साल है. पिछले सालों की तरह इस साल भी यह महाकुंभ दिल्ली के इंडिया गेट स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में 16, 17 और 18 नवंबर को आयोजित हो रहा है.

साहित्य के महाकुंभ के रूप में स्थापित हो चुका ‘साहित्य आज तक’ देश में आयोजित होने वाले किसी भी साहित्यिक मेले से बड़ा है. इसमें हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी, अवधी, भोजपुरी, पंजाबी साहित्य और कला से जुड़ी बड़ी हस्तियां तो जुट ही रही हैं, अब दूसरी भारतीय भाषाओं और विधाओं के दिग्गज भी उत्सुकता दिखा रहे हैं. इसीलिए इस बार हमने इस आयोजन का फलक थोड़ा और बड़ा कर दिया गया है, ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ा गया है, सेशन बढ़ाए गए हैं ताकि श्रोता, साहित्य और कला प्रेमी इस उत्सव का अधिक से अधिक आनंद उठा सकें.

हालांकि हमने कार्यक्रम के फॉर्मेट में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया है और हर बार की तरह इस साल भी कला, सिनेमा, संगीत, थिएटर, राजनीति और संस्कृति से जुड़े दिग्गजों से टेलीविजन के बड़े एंकर उनकी किताबों, प्रस्तुतियों, काम, समसामयिक विषयों पर खुले मंच पर चर्चा करेंगे. इस दौरान नाट्य, संगीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी रखी गई हैं. गायन, वादन, कहानी पाठ के अलावा यहां मुशायरा और कवि सम्मेलन भी होगा.

हालांकि ‘साहित्य आज तक’ का कार्यक्रम विवरण आने वाले दिनों में एक एक करके आपके सामने रखा जाएगा, पर साहित्यप्रेमी यह जान लें कि साहित्य का यह महाकुंभ इस बार सौ के करीब सत्रों में बंटा है, जिसमें 200 से भी अधिक विद्वान, कवि, लेखक, संगीतकार, अभिनेता, प्रकाशक, कलाकार, व्यंग्यकार और समीक्षक हिस्सा ले रहे हैं. इन लोगों में अन्नू कपूर, वडाली ब्रदर्स फेम उस्ताद पूरन चंद वडाली जी, उस्ताद राशिद खान, नूरा सिस्टर्स से लेकर शेखर सुमन, दीप्ति नवल, गिन्नी माही, नरेंद्र कोहली से लेकर सुरेंद्र मोहन पाठक, राहत इंदोरी से लेकर डॉ हरिओम पंवार, जयराम रमेश से लेकर मनोज तिवारी तक होंगे……पर ये तो चंद नाम हैं. किस दिन, किेस-किस का कार्यक्रम है, इसे जानने के लिए आप सुधी साहित्य और कलाप्रेमियों को हमसे जुड़ना होगा.

याद रहे कि साल 2016 में पहली बार ‘साहित्य आजतक’ की शुरुआत हुई थी. उस साल यह मेला दो दिवसीय था और इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर ऑफ आर्ट्स में ही 12 और 13 नवंबर को हुआ था. तब ‘साहित्य आजतक’ के मंच पर पहली बार भारतीय साहित्य के दिग्गज विद्वान, कवि, लेखक, संगीतकार, अभिनेता, और अन्य कलाकार एक साथ पर नजर आए थे. पहले साल के कार्यक्रम में जावेद अख्तर, अनुपम खेर, कुमार विश्वास, प्रसून जोशी, पीयूष मिश्रा, अनुराग कश्यप, चेतन भगत, आशुतोष राणा, कपिल सिब्बल, नजीब जंग, हंस राज हंस, मनोज तिवारी, अनुजा चौहान, रविंदर सिंह, चित्रा मुदगल, अशोक वाजपेयी, केदार नाथ सिंह, उदय प्रकाश, मालिनी अवस्थी, दारेन शाहिदी, उदय माहुरकर, हरिओम पंवार, अशोक चक्रधर, पॉपुलर मेरठी, गोविंद व्यास, राहत इंदौरी, नवाज देवबंदी, राजेश रेड्डी, स्वानंद किरकिरे, नासिरा शर्मा, मैत्रेयी पुष्पा, शाज़ी ज़मां और देवदत्त पटनायक जैसी हस्तियां शामिल हुई थीं. तब साहित्यिक सत्र, सांस्कृतिक कार्यक्रम और नाटकों के मंचन के साथ नए लेखकों को अपनी रचनाएं पेश करने का मौका भी दिया गया था, जिसके लिए भारी ईनाम रखा गया था.

साहित्य आज तक’ का दूसरा संस्करण साल 2017 में दिल्ली में उसी जगह 10 से 12 नवंबर तक आयोजित किया गया था. इस साल साहित्य जगत के प्रख्यात लेखकों के साथ-साथ स्पोर्ट्स, थिएटर और राजनीति की पृष्ठभूमि वाले दिग्गजों को जोड़ा गया. आरिफ जकारिया और सोनाली कुलकर्णी द्वारा ‘गर्दिश में तारे’ नाटक के साथ मामे खान और नूरां बहनों का जादुई प्रदर्शन भी हुआ. उस साल ‘साहित्य आज तक’ में शामिल होने वाले दिग्गज थे, जावेद अख्तर, करन जौहर, कुमार विश्वास, प्रसून जोशी, पीयूष मिश्रा, चेतन भगत, चंद्र प्रकाश द्विवेदी, हंस राज हंस, जयदीप साहनी, रचना बिष्ट, रावत, दीक्षा द्विवेदी, मंजूर भोपाली, आलोक श्रीवास्तव, शीन काफ निजाम, अशोक वाजपेयी, मामे खान, अनुजा चैहान, देवदत्त पटनायक, अश्विन सांघी, सुदीप नागरकर और यतीन्द्र मिश्रा. इनमें से अधिकांश नाम इस बार भी होंगे, और उनसे भी कहीं ज्यादा. जिन्हें हम आने वाले दिनों में आपको बताएंगे… ‘साहित्य आज तक’ का यह कार्यक्रम फ्री है, पर इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक है. इसके लिए आप ‘आज तक’ और हमारी दूसरी सहयोगी पर जाकर या फिर भर होगा, और आपका पंजीकरण हो जाएगा. तो तैयार हो जाइए साहित्य के इस महाकुंभ से जुड़ने के लिए

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