Home हिमाचल प्रदेश वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए राज्य योजना आकार 7100 करोड़ प्रस्तावित…

वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए राज्य योजना आकार 7100 करोड़ प्रस्तावित…

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वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए राज्य योजना आकार 7100 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया है, जो 2018-19 की तुलना में 800 करोड़ रुपये से अधिक है और इसमें 13 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। यह घोषणा मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां पूर्वाहन् सत्र में सोलन, सिरमौर तथा शिमला के विधायकों की प्राथमिकताओं के निर्धारण के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए की।
मुख्यमंत्री ने ग्रामीण अधोसंरचना विकास निधि के माध्यम से नाबार्ड के अन्तर्गत विधायकों की प्राथमिकताओं के कार्यों के क्रियान्वयन में बढ़ौतरी की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि नाबार्ड द्वारा 544.21 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को स्वीकृति दी हैं, जिनकी संस्तुति वर्ष 2018-19 के दौरान विधायकों की प्राथमिकताओं के तहत की गई थी।
जय राम ठाकुर ने अपने सम्बोधन में कहा कि राज्य सरकार पिछले एक वर्ष के दौरान केन्द्र सरकार से 9689 करोड़ रुपये की छः प्रमुख बाह्य सहायता परियोजनाएं प्राप्त करने में सफल रही है। इन परियोजनाओं में पर्यटन विकास, बागवानी विकास, मशरूम विकास, पेयजल संवर्धन, जल बचाव एवं वर्षा जल संरक्षण तथा वन प्रबन्धन शामिल हैं।
ये परियोजनाएं किसानों तथा बागवानों की आय में वृद्धि करने तथा युवाओं को रोजगार प्रदान करने में वरदान सिद्ध होंगी। उन्होंने राज्य में विकास की गति में तेजी लाने के लिए राज्य सरकार को उदार वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने भारतीय जनता पार्टी के ‘स्वर्णिम हिमाचल दृष्टिपत्र-2017’ को सरकार के नीति दस्तावेज के रूप में अपनाया है और राज्य सरकार ‘सबका साथ सबका विकास’ के लक्ष्य के साथ समाज के सभी वर्गों का कल्याण सुनिश्चित कर रही हैं।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने जन मंच लोगों की समस्याओं का उनके घरद्वार के समीप निवारण करने के लिए आरम्भ किया है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल लोगों के समय और पैसे की बचत हो रही है, बल्कि उन्हें अपनी समस्याओं का समाधान करवाने में आने वाली अनावश्यक दिक्कतों से भी निजात मिली है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार की हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना, जन मंच तथा मुख्यमंत्री स्वावलम्बन इत्यादि योजनाएं राज्य के लोगों के लिए वरदान सिद्ध हुई हैं और इनके आशातीत परिणाम आने शुरू हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न विभागों की विकासात्मक योजनाओं की प्रगति की ऑनलाइन समीक्षा एवं निगरानी की जा रही है ताकि कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित बनाने अलावा परियोजनाएं निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरी हो सके। उन्होंने कहा कि प्रशासन में पारदर्शिता लाने के लिए नागरिक केन्द्रित सेवाएं इच्छुक व्यक्तियों को ऑनलाइन प्रदान की जा रही हैं।
मुख्य सचेतक नरेन्द्र बरागटा ने कहा कि गिरी गंगा को पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित करने के अलावा जुब्बल के कुपड़ को स्कींइग गंतव्य के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हाटकोटी को प्रमुख धार्मिक एवं जलक्रीड़ा गंतव्य के रूप में विकसित किया जा सकता है। जिला सोलन नालागढ़ के विधायक लखविन्द्र सिंह राणा ने मुख्यमंत्री से विधायक प्राथमिकता निधि के तहत धनराशि में वृद्धि करने का आग्रह किया।
दून के विधायक परमजीत सिंह ने मुख्यमंत्री से बद्दी क्षेत्र में कानून एवं व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने उनके क्षेत्र में सड़कों के सुधार के लिए भी आग्रह किया।
सोलन के विधायक डॉ. कर्नल धनीराम शाण्डिल ने मुख्यमंत्री से सोलन शहर में जलापूर्ति योजना को सुदृढ़ बनाने तथा पार्किंग की व्यवस्था की मांग की। जिला सिरमौरः पच्छाद के विधायक सुरेश कश्यप ने उनके क्षेत्र में सड़क नेटवर्क को मजबूत करने को आग्रह किया। उन्होंने शिक्षा तथा स्वास्थ्य संस्थानों में पर्याप्त स्टॉफ प्रदान करने का भी आग्रह किया। रेणुका जी के विधायक विनय कुमार ने मुख्यमंत्री से नाबार्ड तथा विधायक निधि के तहत प्रदान की जा रही धनराशि में वृद्धि का आग्रह किया। उन्होंने क्षेत्र में पर्यटन अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि ददाहू तथा संगड़ाह में बस अड्डों का निर्माण किया जाना चाहिए।
पांवटा साहिब के विधायक सुख राम ने अपने क्षेत्र की प्राथमिकताओं का विवरण देते हुए कहा कि अधिक से अधिक क्षेत्र को सिंचाई सुविधा के अन्तर्गत लाने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने क्षेत्र में वोल्टेज की समस्या का समाधान करने के लिए भी आग्रह किया।
शिलाई के विधायक हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सड़कों के निर्माण में वन संरक्षण अधिनियम सबसे बड़ी अड़चन है। उन्होंने समयबद्ध वन स्वीकृतियों के लिए विभिन्न विभागों के बीच बेहतर तालमेल पर बल दिया। उन्होंने बन्द की गई पुरानी चूने की खदानों को पुनर्जीवित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया।
जिला शिमलाः
चौपाल के विधायक बलबीर सिंह वर्मा ने वन विभाग के राजस्व रिकार्ड में सड़कों को समुचित रखरखाव के लिए राज्य लोक निर्माण विभाग को हस्तातंरित करने पर बल लिया। उन्होंने उनके क्षेत्र की ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए केन्द्रीय सड़क निधि तथा नाबार्ड के तहत पर्याप्त धनराशि के लिए आग्रह किया। उन्होंने उनके क्षेत्र के स्वास्थ्य संस्थानों में डाक्टरों के सभी रिक्त पदों को भरने का भी आग्रह किया। ठियोग के विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि सरकार द्वारा की जा रही योजनाओं की घोषणाओं के लिए पर्याप्त धनराशि प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने सेब उत्पादकों के मुद्दों को भी उठाया।
कुसुम्पटी के विधायक अनिरूद्ध सिंह ने कहा कि विधायक प्राथमिकता के तहत सड़कों के कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर लिया जाना चाहिए। उन्होंने मल्याणा में लड़कियों के लिए कॉलेज खोलने तथा मैहली क्षेत्र में मल निकासी कनेक्शन प्रदान करने का आग्रह किया। शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने मुख्यमंत्री से विधायकों की ऐच्छिक निधि में बढ़ौतरी करने के लिए आग्रह किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाना चाहिए।
रामपुर के विधायक नन्द लाल ने कहा कि रामपुर की काशापाठ क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़क के कार्य को शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रामपुर शहर में भीड़भाड़ को कम करने के लिए बाईपास का निर्माण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सम्पर्क सड़कों के समुचित रखरखाव के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। रोहडू के विधायक मोहन लाल ब्राक्टा ने कहा कि नाबार्ड के तहत निर्धारित सीमा में बढ़ौतरी की जानी चाहिए ताकि विधायकों के पास सड़कों के निर्माण के लिए और अधिक धनराशि उपलब्ध हो। उन्होंने मुख्यमंत्री से ठियोग-हाटकोटी-रोहडू सड़क को शीघ्र पूरा करने का आग्रह किया। उन्होंने नागरिक अस्पताल रोहडू में डाक्टरों के रिक्त पदों को भरने का भी आग्रह किया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अनिल कुमार खाची ने मुख्यमंत्री तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए कहा कि योजना बैठक राज्य के प्रभावी एवं योजनाबद्ध विकास में कारगर साबित होती है। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल, राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश धवाला, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. श्रीकान्त बाल्दी, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह मनोज कुमार व आर.डी. धीमान, प्रधान सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष बैठक में उपस्थित रहें।

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