Home Una Special चिंतपूर्णी में 3 दिन पर्ची सिस्टम से होंगे दर्शन

चिंतपूर्णी में 3 दिन पर्ची सिस्टम से होंगे दर्शन

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ऊना। चिंतपूर्णी मंदिर में नववर्ष मेले रविवार से शुरू हो रहे हैं। रविवार को अवकाश का दिन होने के कारण मंदिर में माथा टेकने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगेगा। ऐसे में मेला प्रशासन की टीम ने तैयारियां कर ली हैं। नववर्ष मेले 30 से 1 जनवरी तक घोषित किया गया है। तीन दिन के लिए दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं के लिए पर्ची सिस्टम बनाया गया है। चोर दरवाजों से दर्शन करने वालों से निपटने के लिए मंदिर न्यास सख्ती से कदम उठाएगा। लिफ्ट का दुरुपयोग न हो इसका भी मंदिर प्रशासन की ओर से खास ध्यान रखा जाएगा। यदि किसी दिव्यांग या बुजुर्ग व बीमार श्रद्धालु ने इस रास्ते से दर्शन करने हों तो मंदिर प्रशासन से आज्ञा लेनी होगी। पिछली बार मेला प्रशासन के ध्यान में ऐसे कुछ मामले सामने आए थे,

जिसे देखते हुए प्रशासन ने वीआईपी श्रद्धालुओं के लिए भी यही मापदंड तय किए हैं। वहीं, ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु रखने के लिए मेला प्रशासन बड़े वाहनों को भरवाईं में ही रोक लेगा और भीड़ बढ़ने पर सभी वाहनों के प्रवेश पर मोईन बाईपास के बैरियर से आगे जाने पर रोक रहेगी। भरवाईं चिंतपूर्णी सड़क पर यातायात सुचारु रूप से चलता रहे, कहीं जाम की स्थिति न बने इसके लिए पुलिस अधिकारी विशेष रूप से नजर रखेंगे। वहीं मंदिर न्यास ने स्वास्थ्य विभाग को जरूरी दवाइयां भी उपलब्ध करवा दी हैं। यदि दवाइयों की कमी होती है तो न्यास तत्काल विभाग के बूथों पर दवाइयों का वितरण करेगा। नए साल के मेले को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। श्रद्धालुओं से भी अपील की है कि वे पर्ची लेकर ही मां के दर्शन के लिए जाएं। शनिवार तक अतिरिक्त जवानों की चार सेक्टरों में तैनाती कर दी जाएगी।

एसडीएम अंब सुनील वर्मा ने बताया कि 30 दिसंबर से तीन दिन के लिए नववर्ष मेले को लेकर प्रशासन ने प्रबंध कर लिए हैं। इन तीन दिनों में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ेगी जिसके चलते मंदिर न्यास ने पुख्ता इंतजाम किए हैं।

इसके अलावा लंगर लगाने वाली धार्मिक संस्थाओं को इजाजत देने से पूर्व प्रशासन यह देखेगा कि उनके पास पर्याप्त जगह और गंदगी को ठिकाने लगाने के लिए प्रबंध हैं या नहीं। अगर नियमों पर लंगर प्रबंधक खरा नहीं उतरते हैं तो उन्हें लंगर लगाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। खासकर मंदिर मार्ग और नए बस अड्डे के समीप लंगर लगाने वाली धार्मिक संस्थाओं के प्रबंधक अक्सर यातायात में खलल डालते हैं और इन्हीं की वजह से सड़क पर गंदा पानी बहता है। इसे लेकर प्रशासन ने सख्ती बरतने का निर्णय लिया है

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