प्रदेश के सभी जिलों के उपायुक्तों से खाली जमीन का रिकॉर्ड तलब किया गया है। सरकार ने इस संबंध में सभी डीसी को लिखित फरमान भी दिए हैं ताकि जिलों में खाली पड़ी जमीन का भूमि बैंक तैयार करके नए औद्योगिक क्षेत्र भी विकसित कि ए जा सकें।
राज्य सरकार चाहती है कि धर्मशाला में जून के पहले पखवाड़े में आयोजित होने वाली इन्वेस्टर मीट से पूर्व उद्योगपतियों की जरूरत के अनुसार भूमि बैंक तैयार कर लें। इसके साथ ही सभी जिलों में खाली जमीन जुटाकर औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। प्रदेश सरकार राज्य में बड़े पूंजीपतियों को निवेश करने के लिए आकर्षित करने की तैयारी में है।
सरकार चाहती है कि प्रदेश में निवेश करने के इच्छुक पूंजीपतियों की जरूरत के अनुसार जमीन उपलब्ध रहे। इसे ध्यान में रखकर लैंड बैंक तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा जिलों में कौन से उद्योगों की संभावना ज्यादा है। इसे लेकर भी सरकार ने कवायद शुरू कर दी है प्रदेश सरकार ने हिमाचल में इन्वेस्टर मीट से विभिन्न क्षेत्रों में करीब 85 हजार करोड़ के निवेश कराने का लक्ष्य रखा है। फूड प्रोसेसिंग, पर्यटन, बिजली उत्पादन, ओटोमोबाइल. रियल इस्टेट सहित अन्य क्षेत्रों में निवेश करवाया जाना है।
उद्योग विभाग के विशेष सचिव आबिद हुसैन सादिक कहते हैं प्रदेश के सभी जिलों के उपायुक्तों से कहा गया है कि वे खाली जमीन का विस्तृत ब्यौरा सरकार के पास भेजें। इसके लिए सरकार ने कोई अंतिम तारीख तय नहीं की है। जिलों से खाली जमीन का ब्यौरा आने के बाद लैंड बैंक तैयार किया जाएगा। इसके अतिरिक्त जिलों में औद्योगिक क्षेत्र भी विकसित किए जाएंगे।