कार्यक्रम के दौरान आनंदीबेन पटेल ने कहा कि स्त्री अपने परिवार की धुरी होती है, इसलिये उसका स्वस्थ रहना ज्यादा जरूरी है. कार्यक्रम में आनंदीबेन पटेल ने बताया कि मध्यप्रदेश में आने के बाद मैंने डॉक्टर्स से महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर विचार-विमर्श किया और आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर से प्रदेश के सभी कॉलेजों की छात्राओं का हीमोग्लोबिन टेस्ट करने को कहा. उन्होंने कहा कि मुझे यह जानकर खुशी है कि इस विश्वविद्यालय से जुड़े 313 महाविद्यालय इस काम को अंजाम दे रहे हैं.
इस मौके पर आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति आर सी शर्मा ने कहा कि यह अभियान 15 अगस्त 2018 को शुरू हुआ है. अभी तक लगभग 93 हजार छात्राओं का हीमोग्लोबिन टेस्ट हो चुका है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि प्रदेश में अभी तक 26 जिलों के महाविद्यालयों की छात्राओं के हीमोग्लोबिन टेस्ट हो चुके हैं, जिसमें सिवनी जिले में सबसे अधिक एनीमिया से पीड़ित छात्राओं का पता चला है.