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ग्वालियर से उड़े थे मिराज, जगुआर ने दिया कवर; आगरा से भेजा गया था रिफ्यूलर…

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पाकिस्तान में आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट करने के लिए वायुसेना के महाराजपुरा एयरबेस पर चुनिंदा फाइटर पायलटों को तीन दिन तक विशेष ट्रेनिंग के बाद मंगलवार तड़के उड़ान भरने के लिए हरी झंडी दी गई थी। वैसे गोपनीय रूप से इस हमले की तैयारी सात दिन से चल रही थी।

यहां से मिराज रवाना करने के साथ ही उनमें ईंधन भरने के लिए आगरा से  रिफ्यूलर आईएल-78 विमान भी भेजा गया था। लड़ाकू विमानों को कवर करने के लिए वायुसेना के जगुआर विमान भी साथ थे। महाराजपुरा एयरबेस के सूत्रों ने दैनिक भास्कर मोबाइल ऐप को बताया कि एयरबेस के टेक्टिकल एयर डिफेंस स्टेबलिशमेंट (टेकडी़) में तीन दिनों तक चली ट्रेनिंग के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी। हालांकि, उन्होंने इस ऑपरेशन के बारे में और जानकारी देने से इनकार कर दिया।

टेकड़ी में दिया जाता है प्रशिक्षण : टेकड़ी में प्रशिक्षण कोर्स आयोजित किए जाते हैं। यहीं पर बालाकोट, मुजफ्फराबाद और चकोटी के नक्शे बनाकर चिन्हित ठिकानों को बताया गया था। यहां चुनिंदा पायलटों को विशेषज्ञों ने बताया कि किस स्थान पर किसे टारगेट करना है।

  • आधी रात के बाद मिली हरी झंडी : महाराजपुरा से तड़के 2.30 बजे से मिराज-2000 रवाना होने लगे थे। मिराज में हवा में फ्यूल भरने के लिए आगरा से रिफ्यूलर आईएल-78 विमान ने भी उड़ान भरी थी। बम लेकर उड़ान भरने वाले लड़ाकू विमानों में ईंधन कम लिया जाता है।
  • राजस्थान की ओर ध्यान बंटाया, आखिर में महाराजपुरा का चयन : वायुसेना ने महाराजपुरा के अलावा राजस्थान के भी एक एयरबेस पर इसी तरह की तैयारी की थी। सूत्रों की मानें तो पहले राजस्थान से मिराज-2000 विमानों को उड़ान भरनी थी, लेकिन रात में महाराजपुरा से विमानों ने उड़ान भरी। बताया गया है कि यह केवल कनफ्यूज करने के लिए किया गया था।
  • आदमपुर से उड़े जगुआर विमान : मिराज को कवर करने के लिए आदमपुर (पंजाब) से जगुआर लड़ाकू विमान भी उड़ान पर थे। आगरा में भी चार अतिरिक्त रिफ्यूलर आईएल-78 को तैयार रखा गया था। जगुआर मिराज विमानों की निगरानी और वीडियोग्राफी कर रहे थे।

12 मिराज विमानों ने कुल 1000 किलो भार के बम गिराए, जैश के ठिकाने तबाह

  • पुलवामा हमले के 13वें दिन भारतीय वायुसेना ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई की। मंगलवार तड़के 3:45 बजे मिराज-2000 लड़ाकू विमानों ने पाक की सीमा में हमला किया। 12 मिराज विमानों ने कुल 1000 किलो भार वाले लेजर गाइडेड 6 बम गिराए। इस हमले में 350 आतंकी मारे गए हैं। इनमें 25 ट्रेनर थे।
  • भारत ने पूरी कार्रवाई को सिर्फ 21 मिनट में अंजाम दिया। हमले वाली जगह एलओसी से करीब 50 किलोमीटर दूर है। 14 फरवरी को पुलवामा फिदायीन हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। जैश-ए-मोहम्मद ने इसकी जिम्मेदारी ली थी।
  • वायुसेना के सूत्रों ने बताया कि बालाकोट के अलावा एलओसी के पार पीओके के मुजफ्फराबाद और चकोटी इलाके में भी बमबारी की गई।

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