Home मध्य प्रदेश BJP में जा सकते है कांग्रेस के हीरालाल जयस ..

BJP में जा सकते है कांग्रेस के हीरालाल जयस ..

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दल-बदल के इस मौसम में जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन(जयस) के संस्थापक और कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा ने कांग्रेस को चेतावनी देते हुए मध्यप्रदेश की चार सीटें बैतूल, धार, खरगोन और रतलाम-झाबुआ से लोकसभा का टिकट मांगा है. आजतक’ से बातचीत करते हुए हीरालाल ने कहा कि अगर कांग्रेस बात मानती है तो ठीक वरना वो बीजेपी का तरफ जाएंगे, अगर वहां भी बात न बनी तो अकेले उम्मीद्वार खड़ा करेंगे.

दरअसल, जयस की मांग है कि इन 4 लोकसभा सीटों से आदिवासी युवाओं को टिकट दिया जाए और अगर कांग्रेस टिकट नहीं देगी तो बीजेपी से इस बारे में बात की जाएगी. हीरालाल अलावा ने कहा कि दोनों पार्टियों से बात नहीं बनी तो जयस आगामी लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी खड़ा करेगी. ‘आजतक’ से बातचीत करते हुए हीरालाल अलावा ने कहा कि ‘आदिवासी इलाकों में खासतौर से रतलाम, धार, खरगोन, झाबुआ में जयस के माध्यम से युवाओं और ट्राईबल्स में जागरूकता आई है. इसको बीजेपी या कांग्रेस अनदेखा नहीं कर सकती.

हीरालाल ने कहा कि हमने विधानसभा चुनाव में भी मजबूती से अपना पक्ष रखा, भले ही कांग्रेस का सहारा लेना पड़ा लेकिन विधान सभा में जयस की आवाज गूंजी और आदिवासियों की आवाज विधानसभा में पहुंची’. हीरालाल ने आगे कहा कि ‘लोकसभा में हम यहीं उम्मीद कर रहे हैं कि किसी भी कीमत पर जयस की एंट्री लोकसभा में होनी चाहिए.कांग्रेस को तय करना है कि जयस को लोकसभा में टिकट देते हैं या नहीं देते.हीरालाल ने कहा कि हमने सभी राजनीतिक दलों के लिए ऑप्शन खुले रखे हैं. संगठन तय करेगा तो हम बीजेपी के साथ भी जा सकते हैं क्योंकि हमारे संगठन ने तय कर रखा है कि लोकसभा में तो टिकट हमें चाहिए ही चाहिए’.

रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट से कांतिलाल भूरिया को टिकट दिए जाने पर हीरालाल अलावा ने ऐतराज जताते हुए कहा कि ‘भूरिया आदिवासी नेता हैं या नहीं यह तो लोकसभा चुनाव में जनता तय करेगी, लेकिन हम चाहते हैं कि आदिवासी युवा संसद पहुंचे और करोड़ों आदिवासियों का पक्ष संसद में रखें’.हीरालाल अलावा ने साफ कहा है कि ‘अगर बीजेपी जयस संगठन की बात मानती है और जयस को टिकट देती है तो ही संगठन बीजेपी के साथ जाएगा. अगर ऐस नहीं होता है तो जयस धार, खरगोन, रतलाम-झाबुआ और बैतूल से अपने निर्दलीय उम्मीदवार उतारेगी’.

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश की कुल 29 लोकसभा सीटों में से छह लोकसभा सीटें शहडोल, मंडला, बैतूल, खरगोन, धार और रतलाम अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में इन सभी छह सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी लेकिन बाद में रतलाम उपचुनाव में कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया ने बीजेपी प्रत्याशी को हरा दिया था.

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