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3 लाख रुपये तक बढ़ने वाली हैं इन कारों की कीमत, सेस बढ़ाने का रास्ता साफ….

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कैबिनेट ने मीडियम और बड़ी कारों, लग्जरी और हाइब्रिड वाहनों और स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल SUV पर सेस बढ़ाने का रास्ता तय करने वाले माल एवं सेवा कर (GST) अधिनियम को संशोधित करने के लिए अध्यादेश लाने के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी है.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कैबिनेट के इस निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि विभिन्न श्रेणी के वाहनों पर सेस की वास्तविक दर और इसके लागू होने के समय का निर्णय GST काउंसिल करेगी. जेटली की अध्यक्षता वाली परिषद की बैठक 9 सितंबर को हैदराबाद में होने वाली है.

सेस बढ़ने से कारों की कीमतों में हो सकती है इतनी बढ़ोतरी-

Honda City, Volkswagen Vento, Maruti Suzuki Ciaz, Hyundai Verna- 75 हजार रुपये

Toyota Innova, Mahindra XUV- 1.5 लाख रुपये तक

Ford Endeavour, Toyota Fortuner- 2 लाख रुपये तक

BMW 3 Series, Mercedez C-Class- 3 लाख रुपये तक

प्रस्तावित अध्यादेश (ऑर्डिनेंस) के अनुसार, अधिकतम सेस को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया जा सकता है. जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों को टैक्स कलेक्शन में हुए नुकसान की क्षतिपूर्त के लिए GST के तहत सेस का प्रावधान किया गया है. अभी संसद का सत्र नहीं चलने के कारण इसे इंप्लिमेन्टेशन के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा.

एक अध्यादेश को जारी होने के 6 महीने के भीतर संसद से स्वीकृत होना अनिवार्य होता है. संसद का अगला सत्र नवंबर-दिसंबर में होने वाला है. 1 जुलाई से जीएसटी प्रणाली के लागू होने के बाद कार की कीमतों में तीन लाख रुपये तक की कमी आई है. सेस बढ़ाने से इनकी कीमतें अब बढ़ने की आशंका है.

जेटली ने कहा कि सरकारी नीति आम उपभोग की चीजों को महंगा नहीं कर सकती है लेकिन सरकारी नीतियों का उद्देश्य ऐसा भी नहीं हो सकता है कि लग्जरी सामान सस्ता हो जाये. उन्होंने कहा, यदि राहत देनी होगी तो वह लग्जरी सामानों के बजाय आम लोगों के उपभोग की चीजों पर दी जानी चाहिए.

एक आदमी जो एक करोड़ रुपये का वाहन ले सकता है वह 1.20 करोड़ रुपये का वाहन भी वहन कर सकता है. उन्होंने आगे कहा कि चालक समेत 13 लोगों से कम क्षमता वाले वाहनों पर ही बढ़ा हुआ सेस लागू होगा. उन्होंने कहा कि वाहनों पर सेस बढ़ाने के मुद्दे का जीएसटी परिषद परीक्षण करेगी.

राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि कारों के वर्गीकरण में कोई बदलाव नहीं किया गया है. ऐसी कारें जिनपर 27 से 30 प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगता था, वहीं लग्जरी कारें कहीं जायेंगी. उन्होंने कहा, लग्जरी सेगमेंट के वाहनों के अतिरिक्त किसी भी अन्य कार पर सेस बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है.

उल्लेखनीय है कि GST काउंसिल ने जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद वाहनों पर लगने वाले सभी करों के पुरानी व्यवस्था की तुलना में कम हो जाने की बात अगस्त की बैठक में महसूस की थी. जेटली की अध्यक्षता वाली परिषद ने इसके बाद सेस बढ़ाने का सुझाव दिया था.

जीएसटी लागू होने से पहले वाहनों पर अधिकतम कर 52 से 54.72 प्रतिशत तक था जिसमें 2.5 प्रतिशत केन्द्रीय बिक्री कर आदि का शामिल था. वहीं जीएसटी लागू होने के बाद यह कर 43 प्रतिशत रह गया.

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