Home समाचार PM मोदी के खिलाफ क्यों नहीं उतरीं प्रियंका गांधी जानें अंदर की...

PM मोदी के खिलाफ क्यों नहीं उतरीं प्रियंका गांधी जानें अंदर की कहानी…

28
0
SHARE

अब यह तय हो गया है कि प्रियंका गांधी बनारस से प्रधानमंत्री के खिलाफ चुनाव नहीं लडेंगीं. उनकी जगह कांग्रेस ने अजय राय को मैदान में उतार दिया है. मगर इसका मतलब यह नहीं समझा जाना चाहिए कि प्रियंका ने अपने हाथ पीछे खीच लिए थे. दरअसल अंतिम फैसला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को करना था और सोनिया गांधी की राय भी इसमें काफी अहम थी. प्रियंका का तर्क था कि चुंकि प्रधानमंत्री मोदी अपने विरोधियों को राजनैतिक विरोधी से ज्यादा व्यक्तिगत विरोधी समझते हैं इसलिए उन्हें उन्हीं के क्षेत्र में जाकर घेरना चाहिए. प्रियंका का तर्क था कि भले ही हार हो या जीत मगर इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश के कांग्रेस कार्यकत्ताओं में जबरदस्त संदेश जाएगा जिससे कि कांग्रेस को आगे मदद मिलेगी.

पूर्वी उत्तरप्रदेश की प्रभारी के तौर पर प्रियंका की यह सोच सही थी मगर राहुल ने मना कर दिया. राहुल का तर्क था कि लोकतंत्र में नेहरू के समय से परंपरा रही है कि दूसरी पार्टियों के नेताओं का भी सम्मान होना चाहिए और चुनाव में उनकी राह में बेवजह रोड़े नहीं अटकाए जाने चाहिए. हालांकि इसका अपवाद भी है कि राजीव गांधी के समय हेमवती नंदन बहुगुणा के सामने अमिताभ बच्चन को कांग्रेस ने मैदान में उतारा था. सोनिया गांधी की यह राय थी कि प्रियंका को बनारस जा कर चुनाव लड़ने की जरूरत नहीं है.

सोनिया की चिंता भी व्यवहारिक है. वजह है अमेठी और रायबरेली में होने वाला चुनाव क्योंकि प्रियंका एक तरह से रायबरेली की इंचार्ज होती है और दूसरी तरफ अमेठी में स्मृति ईरानी ने अपना सबकुछ झोंक दिया है और राहुल को तंग करने का कोई भी मौका नहीं छोडती हैं. राहुल का तर्क था कि नेहरू अपने विरोधियों जैसे लोहिया, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और यहां तक कि उस वक्त काफी जूनियर अटल जी का भी काफी सम्मान करते थे और यह चाहते थे कि वो संसद में रहें मगर प्रियंका का तर्क था कि मोदी कोई लोहिया या अटल नहीं है और वो उनका तरह नहीं सोचते इसलिए हमें भी नेहरू की तरह नहीं सोचना चाहिए. मगर राहुल और सोनिया ने प्रियंका की बात नहीं मानी और यह फैसला लिया गया कि प्रियंका बनारस से चुनाव नहीं लडेंगी. अब सब की निगाहें इस बात पर होगी कि प्रियंका गांधी बनारस में रोड शो करती हैं या नहीं.

बता दें, कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए वाराणसी और गोरखपुर लोकसभा सीट के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान गुरुवार को कर दिया . वाराणसी से अजय राय और गोरखपुर से मधुसूदन तिवारी  को टिकट दिया गया है. अजय राय ने 2014 में भी मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ा था लेकिन वह तीसरे स्थान पर रहे थे. वाराणसी सीट से सपा और बसपा गठबंधन ने शालिनी यादव को टिकट दिया है. वाराणसी सीट सपा के खाते में आई थी.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here