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रमजान हुए शुरू, दोस्तों को भेजें ये लेटेस्ट ‘SMS’…

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इस्‍लाम में रमजान  के महीने को इबादत का महीना कहा जाता है. इस पूरे महीने मुस्लिम लोग पूरे 30 दिन रोजा रखकर अल्लाह की इबादत में लगे रहते हैं. ऐसे में अगर आप भी अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को रमजान की मुबारकबाद भेजना चाहते हैं तो सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे इन लेटेस्ट मैसेज की मदद ले सकते हैं.

-ऐ माह-ए-रमजान आहिस्ता चल, अभी काफी कर्ज चुकाना है

अल्लाह को करना है राजी और गुनाहों को मिटाना है

ख्वाबों को लिखना है और रब को मनाना है

रमजान मुबारक

इस साल रमजान 7 मई से शुरू हो रहे हैं. इस पाक महीने को नेकियों का महीना भी कहते हैं. ऐसे में आप भी इस पाक महीने खुदा की इबादत करते हुए दोस्तों को भेजें ये खूबसूरत मैसेज.

-मुबारक हो आपको खुदा की दी यह जिंदगी,

खुशियों से भरी रहे आपकी यह जिंदगी,

गम का साया कभी आप पर ना आए,

दुआ है यह हमारी आप सदा यूं ही मुस्कुराएं,

रमजान मुबारक

ये इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना होता है. इस्लाम धर्म के लोगों का मानना है कि रमजान के महीने में जन्नत यानी स्वर्ग के दरवाजें खुल जाते हैं और इस पवित्र महीने में हर दुआ पूरी होती है.

-ना रहेगा ये सदा, कुछ ही दिन का मेहमान है

रहमत से भर लो झोलियां, गुजर रहा माह-ए-रमजान है

रमजान मुबारक

इस्लाम धर्म में रोजा छोड़ने को गुनाह-ए-कबीरा माना जाता है. गुनाह-ए-कबीरा का मतलब होता है वो बड़ा पाप जिसकी कोई माफी ही नहीं होती है. हालांकि , 7 साल की उम्र से छोटे बच्चों, प्रेग्नेंट महिलाओं, बीमार और सफर करने वाले लोगों को रोजा रखने की छूट दी गई है.

-आज के दिन क्या घटा छाई है

चारों ओर खुशियों की फिजा छाई है

हर कोई कर रहा है सजदा खुदा को

तुम भी कर लो रमजान का महीना है

अल्लाह की इबादत का महीना रमजान  मंगलवार से शुरू हो गया है और आज पहला रोजा है. 30 दिनों के रोजों के बाद शव्वाल की पहली तारीख को देशभर में ईद-उल-फितर  का त्योहार मनाया जाएगा.

-गुल ने गुलशन से गुलफाम भेजा है

सितारों ने आसमान से सलाम भेजा है

मुबारक हो आपको रमाजान का महीना

ये पैगाम हमने सिर्फ आपको भेजा है

रमजान मुबारक

हर सेहतमंद इंसान के लिए रमजान के रोजे रखना जरूरी माना जाता है. इस्लाम में 7 सात साल की उम्र के बाद से हर एक इंसान के लिए रोजा रखना जरूरी माना जाता है. इस पूरे महीने रोजे रखने के बाद जो ईद आती है उसे ईद-उल-फितर या मीठी ईद कहा जाता हैं.

-बे-जुबान को जब वो जुबान देता है

परहें को फिर वो कुरान देता है

बक्शने पर आए जब उम्मत के गुनाहोंं को

तोहफे में गुनहगारों को रमज़ान देता है

रमज़ान मुबारक

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