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रोहतांग दर्रा यातायात के लिए बहाल…

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हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल-स्पिति का द्वार विश्व प्रसिद्ध 13050 फुट ऊंचा रोहतांग दर्रा रविवार सुबह चार बजे पांच माह बाद यातायात के लिए बहाल कर दिया गया। इसके बहाल होते ही लाहौल-स्पिति व चंबा जिला का पांगी क्षेत्र शेष विश्व से जुड़ गया। गौरतलब है कि रोहतांग दर्रा भारी बर्फबारी के कारण मध्य दिसंबर 2018 में यातायात के लिए बंद हो गया था और जनजातीय जिलों का शेष विश्व से सड़क संपर्क पूरी तरह बंद हो गया था। इस संबंध में उपायुक्त यूनुस ने बताया कि बहरहाल अभी रोहतांग दर्रे से जनजातीय जिलों को जाने वाले छोटे वाहनों को ही अनुमति प्रदान की गई है। इससे लाहौल-स्पिति तथा पांगी की ओर जाने वाले लोगों को बड़ी राहत मिली है।

लोगों का लंबे समय से रूका आवागमन बहाल होने से निश्चित तौर पर उनमें खुशी और एक नई ऊर्जा उत्पन्न करेगा। उन्होंने कहा कि पार्किंग सहित अन्य सुविधाएं जुटाने तक पर्यटकों को अभी कुछ दिन इंतजार करना पड़ेगा। यूनुस ने कहा कि सीमा सड़क संगठन ने मनाली-रोहतांग, केंलग-जिंगजिंगबार सड़क को खोलने में दिन-रात कड़ी मशक्कत की है, इसके लिए वह बधाई और प्रशंसा के पात्र हैं।

माइनस 30 डिग्री तक के तापमान में समंदर तल से 3500 से 4000 मीटर की ऊंचाई पर सड़क खोलने का कार्य करना निश्चित तौर पर चुनौतीपूर्ण है। यह चुनौती और भी मुश्किल हो जाती है जब मौसम अनुकूल न हो। इस बार अभी तक रोहतांग दर्रे पर बर्फबारी हो रही है। रानी नाला तथा रोहतांग पर 10 से 30 फुट तक बर्फ की परत के बीच से सड़क को बहाल किया गया है।

उपायुक्त ने कहा कि रोहतांग सैलानियों के लिए पसंदीदा गंतव्य है। जिला में आने वाले लाखों सैलानी रोहतांग दर्रें के दीदार के बिना अपनी यात्रा को अधूरा समझते हैं। रोहतांग खुलते ही यहां सैलानियों का तांता सा लग जाता है।

उन्होंने कहा कि रोहतांग पर पार्किंग की समुचित व्यवस्था तथा सड़क किनारे भी पार्किंग की व्यवस्था के तुरंत बाद पर्यटक वाहनों को अनुमति प्रदान कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि गत 5 मई को सैलानियों के लिए मड़ी तक अनुमति प्रदान की गई थी। इससे पूर्व गुलाबा तक ही पर्यटक जा सकते थे। इन स्थलों की ओर प्रतिदिन 1300 वाहनों को जाने की अनुमति है।

यूनुस ने कहा कि इस बार काफी अधिक बर्फबारी हुई है और सैलानियों के लिए लंबे समय तक रोहतांग पर बर्फ का रोमांच देखने को मिलेगा। हालांकि सैलानियों के मौजूदा गंतव्य मंडी के समीप ब्यास नाला में काफी बर्फ है जहां हर रोज हजारों की संख्या में पर्यटक मौज-मस्ती करते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान रोहतांग पर बर्फ अप्रैल माह के आरंभ में ही पिघल जाती थी और अधिकतर पर्यटकों को मायूसी का सामना करना पड़ता था, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं है और पूरा जून अच्छी खासी बर्फ का सैलानी रोहतांग पर आनंद उठा सकेंगे। रोहतांग पर बर्फ से जुडेें अनेक खेल भी देखे जा सकते हैं।

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